रायपुर, 26 मई। कोरोना काल में जब स्कूल बंद रहने पर बच्चों की सीखने की प्रक्रिया बाधित न हो, इसके लिए कलेक्टर के निर्देश पर गांव के युवकों-युवतियों ने दुबागुड़ा में सीख केंद्र अर्थात लर्निंग सेंटर खोल लिया। इस लर्निंग सेंटर में 32 बच्चों को खेलकूद के साथ ही पढ़ाई भी कराई।
बच्चों का इतना समग्र विकास हुआ कि आज यहीं के एक बच्चे जीवनदास ने मुख्यमंत्री को अपना लर्निंग सेंटर दिखाया। बच्चे ने अपना गिल्ली डंडा दिखाया, फिर भौंरे का कौशल दिखाया। फिर आखरी में मासूमियत से कहा कि मुझे रस्सीकूद अच्छा लगता है। आप भी कूद कर दिखाओ। मुख्यमंत्री ने बच्चे के आग्रह को मानते हुए रस्सी कूद कर दिखाया। फिर भौंरा भी चलाकर दिखाया। गिल्ली डंडा भी खेला। इससे सारे बच्चे बहुत खुश हो गये।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बच्चा बहुत प्रतिभाशाली है। आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल में इसका एडमिशन कराइये। गांव के युवाओं ने बताया कि शिक्षा के साथ ही खेल की गतिविधि भी कराने से बच्चों में तेजी से विकास हुआ है। वे लर्निंग सेंटर में खुशी से आते हैं। हम उन्हें थोड़ा सा खेल कराते हैं और थोड़ी पढ़ाई करा देते हैं।
मुख्यमंत्री ने युवाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि आप जैसे लोगों की जागरूकता की वजह से और शासन के दृढ़ संकल्प से कोरोना के कठिन समय का मुकाबला हम सभी हिम्मत से कर पाए। एक ऐसे समय में शिक्षा की लौ को जलाये रखने में आप लोगों ने मदद की और जीवनदास जैसे प्रतिभाशाली बच्चों की प्रतिभा को निखारा। आप लोगों के जज्बे को सलाम। मुख्यमंत्री ने सब बच्चों के साथ एक ग्रुप फोटो भी ली।
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