रायपुर, 11 मई। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि केन्द्र सरकार गलत नीतियों का परिणाम है कि देश में बिजली संकट की स्थिति बनी हुई है। विद्युत संयंत्रों को पर्याप्त कोयला नहीं मिल रहा है।
अम्बिकापुर दौरे दौरा पत्रकारों से चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विदेश से कोयला मंगाया जा रहा है। राज्यों पर दबाव बनाया जा रहा है कि आयातित कोयले का स्थानीय कोयले में मिलाया जाए।
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मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि विदेश से कोयला आयात करने में घोटाले की बू आ रही है। उन्होंने यह भी कहा कि यूपीए सरकार के दौरान कोयला घोटाले के तमाम आरोप लगाए गए, लेकिन इसे प्रमाणित नहीं किया जा सका। मुख्यमंत्री ने केन्द्र क मोदी सरकारी की कोयला नीति पर सवाल भी उठाए।
परसा कोल ब्लॉक का विस्तार और हसदेव अरण्य क्षेत्र में बड़ी संख्या में वृक्षों की कटाई से संबंधित सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र के आदेश पर राज्य सरकार को निर्णय लेना होता है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो केन्द्र द्वारा राज्य सरकारों के कामकाज पर उंगली उठाई जाती है। देश को यह भी तय करना होगा कि बिजली चाहिए या नहीं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परसा कोल ब्लॉक की अनुमति केन्द्र सरकार ने दी है। श्री बघेल ने कहा कि हसदेव अरण्य क्षेत्र में नियमों के तहत काम होगा और स्थानीय लोगों के अधिकारी की पूरी रक्षा की जाएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोयले की कमी बताकर कई ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, जबकि रेल मंत्री से कई बार इस पर बात हो चुकी है। इसके बाद भी ट्रेनें पटरी पर नहीं हैं।
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केन्द्र सेस घटाए, तो हम वैट कम करें
मुख्यमंत्री ने बढ़ती महंगाई को लेकर केन्द्र सरकार को जिम्मेदार ठहराया। सीमेंट और छड़ का रेट बढ़ने के सवाल पर मुख्यमंत्री बघेल ने कहा कि डीजल का रेट बढ़ने के कारण महंगाई बढ़ी है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सेस कम कर दे तो हम भी वैट कम कर देंगे। वे महंगाई बढ़ा रहे हैं और हम इधर लोगों का आय बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। कहा कि जन सभाओं में की गई घोषणा पर जल्द अमल शुरू हो जाएगा। बजट सत्र में उन्हें शामिल किया जाएगा।
चुनाव में काम के बदले मांगेंगे वोट
भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ को पहले नक्सलियों और खदानों के लिए जाना जाता है, लेकिन हमने यहां की संस्कृति को बढ़ाने का काम किया है। अब देश और दुनिया में छत्तीसगढ़ को यहां की संस्कृति की वजह से जान-पहचान मिल रही है। उन्होंने कहा कि हम आने वाले चुनाव में काम के बदले वोट मांगेंगे। सभाओं में वन अधिकार पट्टा काबिज से कम जमीन देने की शिकायत मिली है। इसको लेकर अफसरों को निर्देश दिए गए हैं।
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