नई दिल्ली, 21 मार्च। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) प्रबंधन ने फिर से उत्पादन और उत्पादकता के नाम पर चारों यूनियन के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है। बताया गया है कि यह बैठक 27 एवं 28 मार्च को सीआईएल मुख्यालय में होगी। 6 मार्च को भी इसी तरह की एक बुलाई गई थी।
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27 एवं 28 मार्च को होने वाली बैठक के लिए एचएमएस के नाथूलाल पांडेय, बीएमएस के के. लक्ष्मा रेड्डी, सीटू के डीडी रामनंदन और एटक के रमेन्द्र कुमार को ई- मेल के जरिए आमंत्रण भेजा गया है।
इधर, इस बैठक को लेकर सवाल उठ रहे हैं। दरअसल उत्पादन और उत्पादकता का विषय अब नहीं रहा है। क्योंकि वित्तीय 2022- 23 खत्म होने जा रहा है और सीआईएल उत्पादन व प्रेषण, दोनों मामले में बेहतर स्थिति में है।
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सूत्रों की मानें तो सीआईएल प्रबंधन नहीं चाह रहा कि जेबीसीसीआई की फुल बेंच में 11वें वेतन समझौते संबंधी प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हो। 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृति दिए जाने का मामला अटका हुआ है। जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक होने से प्रबंधन पर दबाव आएगा। फुल बेंच की बैठक में चारों यूनियन के मुख्य और वैकल्पिक सदस्यों की संख्या होती है। उत्पादन और उत्पादकता के नाम पर बैठक लेने से चारों यूनियन के एक- एक प्रमुख नेताओं को बुला लिया जाता है और काफी हद तक यहां चर्चा कर ली जाती है।
दूसरा यह कि प्रबंधन इंटक की जेबीसीसीआई- XI में एंट्री को लटकाकर रखना चाहता है। यदि अभी जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक बुलाई गई तो कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश के मुताबिक इंटक को सम्मिलित करना होगा। प्रबंधन ललन चौबे द्वारा सुप्रीम कोर्ट जाने के परिणाम का भी इंतजार कर रहा है। कहा जा रहा है कि इंटक को जेबीसीसीआई में प्रवेश नहीं देने को लेकर सीआईएल प्रबंधन पर उच्च स्तर का दबाव भी है।
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बहरहाल यह तय हो गया है 27 एवं 28 मार्च को यूनियन के प्रमख नेताओं की बैठक बुला लेने से जेबीसीसीआई की 9वीं बैठक फिलहाल नहीं होने जा रही है। इस तरह की बैठक के लिए इंटक को बुलाने प्रबंधन बाध्य भी नहीं है।
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