नई दिल्ली, 17 जनवरी। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) का चालू वित्तीय वर्ष में उत्पादन 806- 810 मिलियन टन (MT) रहने का अनुमान है। चेयरमैन पीएम प्रसाद ने ये बातें कहीं हैं।

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चेयरमैन ने कहा कि सीआईएल का उत्पादन लक्ष्य 838 मिलियन टन का है, लेकिन कंपनी इस लक्ष्य तक पहुंचती नहीं दिख रही है। इसके पीछे की बड़ी वजह एसईसीएल (SECL) के मेगा प्रोजेक्ट्स हैं। ये मेगा प्रोजेक्ट्स उत्पादन में पिछड़ रहे हैं और मार्च अंत तक अपने लक्ष्य को कवर कर सकें, ऐसा नहीं दिख रहा है।

अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक पी एम प्रसाद ने कहा कि महानदी कोलफील्ड्स, नॉर्दर्न कोलफील्ड्स, वेस्टर्न कोलफील्ड्स का प्रदर्शन पटरी पर है और उन्होंने आशा व्यक्त की कि ईस्टर्न कोलफील्ड्स भी लक्ष्य को पूरा करेगा। वे एशियाई खनन कांग्रेस 2025 के 11वें संस्करण की घोषणा के अवसर पर मीडिया से चर्चा कर रहे थे।

उन्होंने बताया कि अप्रैल से दिसंबर 2024 के दौरान, सीआईएल ने 543.4 एमटी उत्पादन दर्ज किया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 2.2 प्रतिशत की वृद्धि है। उठाव में वृद्धि 1.6 प्रतिशत रही।

मांग में कमी के बारे में पूछे गए सवाल पर, प्रसाद ने कहा कि यह एक अस्थायी घटना हो सकती है। उन्होंने कहा कि देश के विकास के साथ खनन सहित सभी क्षेत्रों में संभावनाएं जबरदस्त हैं।

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श्री प्रसाद ने कहा कि वित्त वर्ष 2026 के लिए, कोल इंडिया ने करीब 900 मीट्रिक टन उत्पादन का लक्ष्य रखा है। प्रसाद ने यह भी कहा कि वित्त वर्ष 2027 तक 1 बिलियन टन उत्पादन का लक्ष्य बरकरार है।

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