कोलकाता, 17 जून। शुक्रवार को कोलकाता स्थित कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) मुख्यालय मं एपेक्स जेसीसी (Apex JCC) की बैठक आयोजित हुई।
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बैठक में भारतीय मजदूर संघ (BMS) के कोल प्रभारी के. लक्ष्मा रेड्डी ने सीआईएल प्रबंधन के समक्ष निम्न बिंदु रखे :
- जेबीसीसीआई-11 का गठन पिछले साल जून 2021 में किया गया था। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि वेतन समझौते की बातचीत अभी भी शुरुआती चरण में है और बहुत अधिक प्रगति नहीं हुई है। कामगारों में काफी असंतोष व्याप्त हैं। इसलिए प्रबंधन को जल्द से जल्द समाधान निकालने के लिए कदम उठाने की जरूरत है।
- ट्रेड यूनियनों के शीर्ष जेसीसी सदस्यों की अनुषांगिक कंपनियों के आवधिक संयुक्त दौरे की पिछली प्रथा को जारी रखा जाना चाहिए।
- यदि पति या पत्नी दोनों कर्मचारी हैं, तो वर्तमान में सीपीआरएमएस के लिए दोनों के वेतन से 40,000 रुपये की कटौती की जा रही है, जो उचित नहीं है। इसलिए, इसे रोका जाए और पति या पत्नी की कटौती की गई राशि वापस की जाए।
- पता चला है कि कुछ जगहों पर कांटाघर एवं कोल स्टॉक पर सीसीटीवी कैमरे बंद कर दिए जाते हैं, जिससे कोयले की चोरी का रास्ता साफ हो जाता है। कोयले की चोरी रोकने के लिए सतर्कता अधिकारी उचित कदम उठाएं।
- यह पता चला है कि निचले स्तर के प्रबंधन आउटसोर्सिंग-उत्पादन पर अधिक ध्यान दे रहे हैं। उन्हें नियमित कर्मचारियों द्वारा उत्पादन और कंपनी द्वारा खरीदी गई महंगी मशीनरी को देखने और जहां आवश्यक हो, इसकी मरम्मत करने की आवश्यकता है। जिससे कंपनी को लाभ हो सके।
- हमारे संज्ञान में यह भी आया है कि कुछ अनुषांगिक कंपनियों में खाली क्वार्टर पर बाहरी लोग अवैध रूप् से कब्जा कर बैठे हैं। उसे तुरंत खाली करवाकर कामगारों को आवंटित करें। यदि अतिरिक्त आवास है तो बेहतर होगा कि किराया या लीज के आधार पर सेवानिवृत्त कर्मचारियों को दिया जाय।
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के. लक्ष्मा रेड्डी ने बताया कि कोल इंडिया प्रबंधन ने खनन क्षेत्रों में खेती में काम करने वाले मजदूरों के लिए किराये के हल्के वाहनों में लगे ड्राइवरां को कुशल श्रेणी के न्यूनतम वेतन का भुगतान करने तथा प्रबंधन ने बीपी, शुगर की बीमारी के आधार पर रोजगार प्राप्त करने वालों को मेडिकल अनफिट नहीं किया जाएगा। इसपर सहमति व्यक्त की गई है।
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