नई दिल्ली, 26 सितम्बर। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) प्रबंधन द्वारा 27 सितम्बर को बुलाई गई बैठक में भाग लेने यूनियन के लगभग नेता नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। बुधवार को होने जा रही बैठक में प्रबंधन का यह प्रयास होगा कि 5, 6, 7 अक्टूबर की प्रस्तावित हड़ताल टल जाए।
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यहां बताना होगा कि जबलपुर हाईकोर्ट के फैसले के बाद NCWA- XI को लेकर उपजी स्थिति तथा यूनियन द्वारा तीन दिवसीय हड़ताल के ऐलान को लेकर सीआईएल प्रबंधन ने यह बैठक बुलाई है। प्रबंधन किसी भी स्थिति में हड़ताल टल जाए, इसका प्रयास करेगा। यूनियन ने कामबंद हड़ताल पर जाने की बात तब कही है जब अक्टूबर में बढ़ा हुआ वेतन का भुगतान नहीं होगा। दरअसल हाईकोर्ट ने कोयला मंत्रालय द्वारा NCWA- XI को लागू करने दिए गए अनुमोदन को ही रद्द कर दिया है और डीपीई से आदेश जारी करने से 60 दिनों के भीतर अपना मत रखने कहा है।
हाईकोर्ट द्वारा एनसीडब्ल्यूए- XI को लेकर जारी की गई मंजूरी को रद्द करने से बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा या नहीं इसको लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है। कहा जा रहा है कि यदि सीआईएल प्रबंधन ने बढ़ा हुआ वेतन भुगतान किया तो यह कोर्ट की अवमानना होगा। दूसरी ओर बढ़ा हुआ वेतन नहीं मिला तो तीन दिवसीय हड़ताल का खतरा रहेगा। ऐसे में माना जा रहा है कि सीआईएल प्रबंधन बीच का रास्ता निकाल सकता है। पहला यह कि प्रबंधन यूनियन से कहा सकता है कि हाईकोर्ट का अंतिम निर्णय आने तक हड़ताल न की जाए। दूसरा सीआईएल प्रबंधन बढ़ा हुआ वेतन एडंवास के तौर पर दे सकता है। हालांकि प्रबंधन और यूनियन की वार्ता में क्या स्थिति बनेगी यह बुधवार को ही पता चलेगा।
हां- नहीं करते नाथूलाल पांडेय दिल्ली पहुंचे
हिन्द खदान मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष एवं जेबीसीसीआई सदस्य नाथूलाल पांडेय बैठक में भाग लेने नई दिल्ली पहुंच चुके हैं। पहले यह खबर आ रही थी कि उनके स्थान पर हिन्द मज़दूर सभा (HMS) के महामंत्री हरभजन सिंह सिद्धू बैठक में भाग ले सकते हैं। श्री पांडेय ने हड़ताल के अलावा वार्ता के दौरान चर्चा के लिए दूसरे और बिन्दु भी सीआईएल को भेजे हैं।
एक मात्र एजेण्डे पर होगी बात
सीटू नेता डीडी रामनंदन ने कहा कि सीआईएल प्रबंधन के साथ बढ़ा हुआ वेतन भुगतान जारी रखने और हड़ताल के विषय पर ही बात होगी। इसके अलावा किसी और एजेण्डे पर चर्चा नहीं की जाएगी। यदि दूसरे यूनियन के लोग संबंधित एजेण्डे के अलावा किसी और मुद्दे पर बात करना चाहते हैं तो वे पृथक से चर्चा कर सकते हैं, इस पर सामुहिक चर्चा नहीं होगी।
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क्या BMS हड़ताल पर जाएगा?
रांची में हुई पांचो यूनियन की बैठक में तीन दिवसीय हड़ताल का निर्णय लेने के कुछेक घण्टे बाद ही एचएमएस नेता नाथूलाल पांडेय ने अपने कदम पीछे कर लिए थे। किरकिरी होने पर हड़ताल पर बने रहने की बात कही गई। इधर, भारतीय मजदूर संघ (BMS) को लेकर भी आशंका व्यक्त की जा रही है कि कि वो हड़ताल होने की स्थिति में इस पर बने रहेगा। दरअसल बीएमएस के कोल प्रभारी केन्द्र सरकार के हिमायती हैं। वे सरकार के खिलाफ जाने से हिचकिचाते रहे हैं। बहरहाल बुधवार की बैठक के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी।