नई दिल्ली, 14 फरवरी।  जन्मजात हृदय रोग जागरूकता दिवस पर, कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की सहायक कंपनियों सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) और नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड (NCL) ने श्री सत्य साईं हेल्थ एंड एजुकेशन ट्रस्ट (Sri Sathya Sai Health & Education Trust) के साथ अलग-अलग समझौता ज्ञापनों (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए, ताकि जन्मजात हृदय रोग (CHD) से पीड़ित बच्चों के लिए जीवन रक्षक सर्जरी उपलब्ध कराई जा सके।

यह समझौता ज्ञापन ‘नन्हा सा दिल’ पहल के तहत किया गया। हस्ताक्षर समारोह शास्त्री भवन, नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

इन सहमति पत्रों पर कोयला मंत्रालय के सचिव श्री विक्रम देव दत्त, मंत्रालय में अतिरिक्‍त सचिव सुश्री रूपिंदर बरार, उप महानिदेशक सुश्री संतोष, डॉ. एसएसएसएचईटी के अध्यक्ष सी. श्रीनिवास और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों तथा गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में हस्ताक्षर किए गए। श्री एसएस लाल, जीएम (सीएसआर), सीसीएल, और श्री राजीव रंजन, जीएम (सीएसआर), एनसीएल ने अपनी-अपनी कंपनियों की ओर से हस्ताक्षर किए, जबकि श्री विवेक गौर, ट्रस्टी ने एसएसएसएचईटी की ओर से हस्ताक्षर किए।

कोयला मंत्रालय (एमओसी) के तत्वावधान में सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियां अपने परिचालन क्षेत्रों में जरूरतमंद परिवारों को सहायता प्रदान करने वाली प्रभावशाली सीएसआर पहलों के माध्यम से भारत के स्वास्थ्य सेवा परिदृश्य को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

सभा को संबोधित करते हुए, श्री विक्रम देव दत्त ने इस पहल की जबरदस्‍त सराहना करते हुए कहा, “इन समझौता ज्ञापनों से आने वाले वर्षों में कोल इंडिया और इसकी सहायक कंपनियों के लिए सद्भावना इक्विटी प्राप्त होगी। मैं इस घटना से वास्तव में अभिभूत हूँ जो समाज को बदल देगी।” उन्होंने विशेष रूप से खनन राज्यों में टिकाऊ और समावेशी विकास को बढ़ावा देने वाली प्रभावशाली सीएसआर परियोजनाओं को शुरू करने के लिए सीआईएल की प्रतिबद्धता पर जोर दिया।

कार्यक्रम के दौरान सीआईएल के अध्यक्ष श्री पीएम प्रसाद, सीआईएल के निदेशक (पी एंड आईआर) डॉ. विनय रंजन, कार्यकारी निदेशक (सीडी) श्री ओपी मिश्रा तथा सीआईएल की सहायक कंपनियों के सीएमडी और निदेशक वर्चुअल माध्यम से जुड़े।

नन्हा सा दिल, सीआईएल द्वारा एसएसएसएचईटी के सहयोग से शुरू की गई एक अनूठी सीएसआर पहल है, जो बाल चिकित्सा हृदय शल्यचिकित्सा में ट्रस्ट की विशेषज्ञता का लाभ उठाती है। इस पहल के तहत, सीसीएल झारखंड में 45,000 बच्चों की स्क्रीनिंग करेगा, जिसमें सीएचडी और एनसीएल से पीड़ित 500 बच्चों की सर्जरी की योजना बनाई गई है। 17,250 बच्चों के लिए 345 जमीनी स्तर पर स्क्रीनिंग कैंप लगाए जाएंगे, जिनमें से जरूरतमंद बच्चों को इको विश्लेषण और आगे के उपचार के लिए एनसीएल बीना अस्पताल में एक समर्पित डायग्नोस्टिक सेंटर में भेजा जाएगा।

7 मार्च, 2024 को अपनी शुरुआत के बाद से, नन्हा सा दिल परियोजना ने सीएचडी सर्जरी के माध्यम से 250 से अधिक कीमती जान बचाई है। यह पहल अब सीसीएल, एनसीएल और एसईसीएल के माध्यम से अधिक राज्यों में लाभार्थियों को कवर करने के लिए विस्तारित हो रही है।

सीआईएल और इसकी सहायक कंपनियां अगले तीन वर्षों में 2,000 से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जो भारत में किसी भी सार्वजनिक क्षेत्र की इकाई के लिए एक ऐतिहासिक मील का पत्थर है। सीआईएल में सीएसआर विभाग समाज पर एक स्थायी प्रभाव बनाने के लिए इन पहलों को सावधानीपूर्वक क्रियान्वित और निगरानी करता है।

पिछले तीन वर्षों में, सीआईएल और उसकी सहायक कंपनियों ने स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और ग्रामीण विकास में 1,673 करोड़ रुपये का निवेश किया है। उल्लेखनीय रूप से, कुल सीएसआर व्यय का 90 प्रतिशत पूरी तरह कार्यरत प्रणाली को समर्पित है, जबकि 10 प्रतिशत वंचित समुदायों के उत्थान के उद्देश्य से प्रभावशाली अखिल भारतीय परियोजनाओं का समर्थन करता है।

वर्तमान में, भारत में सी.एच.डी. के साथ पैदा होने वाले 2.40 लाख बच्चों में से केवल 5 प्रतिशत ही उच्च लागत के कारण सर्जरी करवा पाते हैं। नन्हा सा दिल के माध्यम से, सी.आई.एल. इस अंतर को पाटने और असंख्य परिवारों को आशा प्रदान करने के लिए समर्पित है।

कोयला मंत्रालय के मार्गदर्शन में कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनियाँ न केवल राष्ट्र निर्माण में योगदान दे रही हैं, बल्कि नए जीवन को भी छू रही हैं और जीवन का अनमोल उपहार दे रही हैं।

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