नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India) प्रबंधन के आला अफसर और चार प्रमुख केन्द्रीय यूनियन के नेता अमेरिका दौरे पर हैं, लेकिन एक अनाधिकृत व्यक्ति के दल में सम्मिलित होने को लेकर कोयला कामगारों के बीच चर्चा हो रही है।
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कोल इंडिया लिमिटेड के निदेशक (कार्मिक एवं औद्योगिक संबंध) विनय रंजन के नेतृत्व में द्विपक्षीय समिति के लोग अमेरिका गए हैं। यह दौरा जस्ट ट्रांजिशन (Just Transition) जैसे गंभीर विषय के अध्ययन को लेकर है। द्विपक्षीय समिति के लोग अमेरिका स्थित कोल माइंस का जायजा लेंगे।
14 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक के इस दौरे में बीएमएस (BMS) से के. लक्ष्मा रेड्डी, मंडा रमाकांत, एचएमएस (HMS) से नाथूलाल पाण्डेय, सीटू (CITU) से डीडी रामनंदन, एटक (AITUC) से रामेन्द्र कुमार शामिल हैं। अधिकारियों में सीआईएल डीपी के अलावा सीसीएल एवं एमसीएल के निदेशक कार्मिक सहित अन्य सम्मिलित हैं।
चर्चा भारतीय मजदूर संघ से दो नेता के दौरे पर जाने की है। सीआईएल की द्विपक्षीय समिति में चारों केन्द्रीय यूनियन से एक- एक सदस्य हैं। ऐसे में बीएमएस से दूसरे नेता मंडा रमाकांत के अमेरिका यात्रा पर ले जाने को लेकर आपत्तियां आ रही हैं। अखिल भारतीय खदान मजदूर संघ के महामंत्री सुधीर घुरडे ने सोशल मीडिया पर स्वंय इसकी जानकारी दी है। अमेरिका दौरे पर मंडा रमाकांत का चयन किसने और किस आधार पर किया गया, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि के. लक्ष्मा रेड्डी के दबाव में मंडा रमाकांत को सरकारी खर्चे पर अमेरिका ले जाया गया है।
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बहरहाल द्विपक्षीय समिति के स्वदेश वापसी के बाद पता चलेगा कि जस्ट ट्रांजिशन पर किस तरह का अध्ययन किया गया है और इस विषय को कितना आत्मसात किया गया है।