नई दिल्ली, 08 सितम्बर। जबलुपर हाईकोर्ट ने कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते यानी एनसीडल्यूए- XI (NCWA- XI) को लागू करने संबंधी कोयला मंत्रालय के अनुमोदन (22 जून, 2023) को रद्द करने के आदेश से हड़कंप मच गया है। इधर, सीटू के वरिष्ठ नेता और जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामनंदन ने कहा कि कोल इंडिया प्रबंधन को मामले में अपील करना होगा।
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industrialpunch.com से चर्चा करते हुए श्री रामनंदन ने कहा कि एनसीडब्ल्यू- XI के लागू होने संबंधी आदेश के बाद कुछेक कनिष्ठ कोल अफसरों द्वारा अलग- अलग हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर कर इसे चुनौती दी गई थी। हमने कोल इंडिया प्रबंधन को इस मुद्दे को लेकर अगाह किया था कि वे केयर ले, लेकिन प्रबंधन ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। प्रबंधन को मामले में तत्काल अपील करनी होगी। सीटू नेता ने कहा कि कोयला कामगारों का किसी भी स्थिति में नुकसान नहीं होने दिया जाएगा, जो भी लड़ाई लड़नी होगी लड़ी जाएगी। डीडी रामनंदन ने कहा कि DPE को कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में विशेष छूट देना होगा। कोयला मंत्रालय को इस मुद्दे पर रूचि लेनी होगी।
यहां बताना होगा सीटू नेता डीडी रामनंदन ने 2 अगस्त, 2022 को कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के साथ यूनियन की हुई बैठक डीपीई के मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था। बाद में 8 अगस्त को सीटू, एचएमएस, एटक ने डीपीई के कार्यालय ज्ञापन दिनांक 24/11/2017 में विशेष छूट को लेकर कोल सेक्रेटरी को पत्र भी लिखा था, लेकिन इस पत्र में बीएमएस ने हस्ताक्षर नहीं किए थे।
एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष व जेबीसीसीआई सदस्य रमेंद्र कुमार ने भी कुछ इसी तरह की बात कही। उन्होंने कहा कि सीआईएल प्रबंधन तत्काल अपील में जाए। रमेंद्र कुमार ने कहा कि इस तरह के फैसले से कोयला अधिकारियों व कर्मचारियों के बीच मतभेद बढ़ेगा। पूरे मामले को लेकर जल्द ही जेबीसीसीआई सदस्यों की बैठक बुलाई जानी चाहिए ताकि आगे की रणनीति बनाई जा सके।
इधर, बताया गया है कि कोल इंडिया प्रबंधन विधि- विभाग से परामर्श ले रहा है। एक उच्च अधिकारी ने कहा कि कोयला कर्मियों को घबराने की आवश्यकता नहीं है। उच्च न्यायालय के साथ डबल बेंच में अपील करने का रास्ता अभी खुला है। कानूनी रूप से लड़ाई लड़ी जाएगी।
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दूसरी ओर जबलपुर हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद कोयला कामगारों में हड़कंप मच गया है। दरअसल कोर्ट के फैसले के बाद कोयला कामगारों को सितम्बर का बढ़ा हुआ वेतन मिलेगा या नहीं इसको लेकर संशय की स्थिति बन गई है।