नई दिल्ली, 02 मई। केन्द्र सरकार द्वारा ऑफर फॉर सेल के जरिए कोल इंडिया लिमिटेड (Coal India Limited) की ऑफर फॉर सेल के माध्यम से 3 हिस्सेदारी बेचने का विरोध शुरू हो गया है।
ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन के जनरल सेक्रेटरी डीडी रामनंदन ने इस संदर्भ में कोयला सचिव को पत्र लिखा है। श्री रामनंदन ने कहा है कि ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन कोल इंडिया की हिस्सेदारी बेचने का कड़ा विरोध करता है। फेडरेशन ने हाल के वर्षों में उत्पादन और लाभ दोनों में प्राप्त प्रभावशाली वृद्धि को देखते हुए प्रबंधन और भारत सरकार से इस तरह के विनिवेश से बचने का आग्रह किया है। वर्ष 2021- 222 में उत्पादन 622.64 मीट्रिक टन था जिसमें लगभग 13 प्रतिशत की वृद्धि हुई और वर्ष 2022- 23 में कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा प्राप्त कुल उत्पादन 703.01 मीट्रिक टन था। इसी तरह साल दर साल आधार पर 62 प्रतिशत लाभ में बहुत प्रभावशाली वृद्धि हुई है, 2021- 22 में 17378 करोड़ रुपए और 2022- 23 में 28125 करोड़ रुपए लाभ रहा है
श्री रामनंदन ने कहा कि एक प्रमुख राष्ट्रीयकृत क्षेत्र होने के नाते, कोल इंडिया लिमिटेड राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है, सरकार को पर्याप्त लाभांश दे रहा है और अभी भी अपने सक्षम प्रबंधन और प्रेरित कार्यबल के साथ अपने विकास पथ को बनाए रख रहा है। सीटू नेता ने कहा कि हिस्सेदारी बेचने से न केवल इस क्षेत्र का विकास बाधिक होगा बल्कि मौजूदा सामंजस्यपूर्ण आईआर इको सिस्टम को भी नुकसान पहुंचेगा। ऑल इंडिया कोल वर्कर्स फेडरेशन ने तीन मांग उठाई है :
- कोल इंडिया लिमिटेड का और विनिवेश बंद करें।
- राष्ट्रीयकृत क्षेत्रों का निजीकरण बंद हो
- राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन नीति को रद्द किया जाए।