कोरबा। केन्द्र की मोदी सरकार अब कोयला धारक क्षेत्र ( अर्जन और विकास) अधिनियम 1957 में संसोधन की तैयारी में है। कोल बेयरिंग एक्ट 1957 में संसोधन का मसौदा संसद के इसी सत्र में प्रस्तुत किया जाएगा।
इधर, प्रस्तावित इस संसोधन की मुखालफत शुरू हो चुकी है। श्रमिक संगठन सीटू इसको लेकर मोर्चा खोल दिया है। तीन दिनों से पूरे देश में सीटू द्वारा संसोधन की तैयारी का विरोध किया जा रहा है।
छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोल बेयरिंग एक्ट 1957 में प्रस्तावित संसोधन एवं मजदूर विरोधी लेबर कोड बिल को लेकर सीटू कार्यकर्ताओं ने तीन दिनों तक जगह- जगह किया विरोध प्रदर्शन किया। कोल बीयरिंग एक्ट के अध्यादेश की प्रतियां भी जलाई गई
केंद्र सरकार की मजदूर किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ देशव्यापी आंदोलन के तहत तीन दिनों तक जिले में कुसमुंडा, गेवरा, दीपका, सूराकछार, बलगी, रजगामार, बगदेवा एवं अन्य खदानों के मजदूरों के बीच किसान मजदूर विरोधी कानूनों को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया व पर्चे बांटे गए। खदानों के बाहर प्रदर्शन किया गया और कुसमुंडा में जिला सीटू द्वारा किसान मजदूर विरोधी अध्यादेश की प्रतियां जलाई गई जिसमें प्रमुख रूप से सीटू के राज्य महासचिव एम के नंदी उपस्थित थे।
जिले भर में हुए प्रदर्शन में प्रमुख रूप से वीएम मनोहर, एसएन बेनर्जी, जनकदास, जनाराम कर्ष, डीएल टंडन, अशोक, अरविंद सिंह, छत्रपाल के अलावा सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आंदोलन में भाग लिया।
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