रायपुर, 10 मार्च। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात की। इस दौरान श्री बघेल ने जनगणना जल्द कराने, जीएसटी क्षतिपूर्ति, कोल रॉयल्टी सहित विभिन्न लंबित मांगों पर प्रधानमंत्री से चर्चा की।
इसे भी पढ़ें : कोयला कामगारों का परिवर्तनशील महंगाई भत्ता बढ़कर हुआ 42.3 फीसदी
मुलाकात के दौरान प्रधानमंत्री ने सीएम हाउस में आयोजित होली महोत्सव का जिक्र किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने होली पर फाग गाते हुए देखा आपको।
मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को राजकीय पशु वनभैंसे का प्रतीक चिन्ह भेंट किया। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से जल्द जनगणना कराए जाने का आग्रह किया है। उन्होंने कहा कि 2011 के बाद जनगणना नहीं होने से हितग्राहियों के चयन में दिक्कत आ रही है। कई पात्र हितग्राही योजनाओं का लाभ लेने से वंचित हो रहे हैं। इस संबंध में उन्होंने पूर्व में प्रधानमंत्री को पत्र भी लिखा था।
मुलाकात में मुख्यमंत्री श्री बघेल ने जीएसटी क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी प्रधानमंत्री के सामने रखा। उन्होंने कहा कि उत्पादक राज्य होने की वजह से छत्तीसगढ़ को वाणिज्यिक कर राजस्व में कमी का सामना करना पड़ रहा है। जून 2022 से अब तक जीएसटी क्षतिपूर्ति की 1375 करोड़ की राशि केन्द्र सरकार के पास लंबित है, जिसे शीघ्र प्रदान किया जाए।
इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कोल ब्लॉकों से एडिशनल लेवी के रूप में प्राप्त रॉयल्टी की 4170 करोड़ की राशि का भी शीघ्र भुगतान का प्रधानमंत्री से अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से नवा रायपुर से दुर्ग के लिए शुरू किए जाने वाले लाइट मेट्रो सर्विस के लिए प्रधानमंत्री से सहयोग भी मांगा है।
मुख्यमंत्री श्री बघेल ने बताया कि सितंबर माह में जी-20 के चौथे स्थायी वित्त कार्य समूह की बैठक छत्तीसगढ़ में होने वाली है। इसकी तैयारी को लेकर प्रधानमंत्री से चर्चा की गयी। उन्होंने बताया कि बैठक को लेकर प्रधानमंत्री से मार्गदर्शन भी प्राप्त हुआ है। श्री बघेल ने बताया कि मैंने जी-20 के अतिथियों के लिए विश्व स्तर की व्यवस्था के लिए प्रधानमंत्री को आश्वस्त किया है।
इसे भी पढ़ें : कमॅर्शियल माइनिंग : 7 राज्यों के 29 कोल ब्लॉक्स की हुई नीलामी, ₹14,650 करोड़ का सालाना राजस्व व एक लाख रोजगार का दावा
मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछली मुलाक़ात में मिलेट मिशन पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री ने रायपुर में मिलेट कैफे शुरू किए जाने का सुझाव दिया गया था। उन्होंने प्रधानमंत्री को बताया कि इस पर अमल करते हुये रायपुर सहित छत्तीसगढ़ के अन्य शहरों में मिलेट कैफे की शुरुआत की गयी है।