कोयला संकट, केन्द्रीय विद्युत मंत्री ने सीआईल से कहा- उत्प्पादन बढ़ाएं, कैप्टिव कोयला ब्लॉक वाले जेनकोस के लिए तैयार होगी नीति

बिजली की बढ़ती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने  विद्युत संयंत्रों में कोयले की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए समीक्षा की।

बिजली की बढ़ती हुई मांग को ध्यान में रखते हुए केंद्रीय विद्युत, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने  विद्युत संयंत्रों में कोयले की स्थिति की जानकारी प्राप्त करने के लिए समीक्षा की। इस दौरान ऊर्जा मंत्रालय, कोयला मंत्रालय, रेलवे, कोयला कंपनियां, बिजली कंपनियां और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) के सचिव और वरिष्ठ अधिकारीभी उपस्थित हुए।

इस बात पर ध्यान दिया गया कि अगस्त 2019 (112.9 बीयू) की तुलना में, अगस्त, 2021 (129.5बीयू) में ऊर्जा की खपत में 15% की बढ़ोतरी हुई है जबकि थर्मल और लिग्नाइट आधारित उत्पादन की हिस्सेदारी में 21% की बढ़ोतरी हुई है।टीपीपी में कोयले के भंडारों पर पूर्ण रूप से नजर रखने के लिए एक कोर मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) का गठन किया गया है और सचिव (विद्युत) आलोक कुमार इनकी स्थिति की दैनिक रूप से समीक्षा करने के साथ-साथ सीएमटी द्वारा उनपर की गई कार्रवाई की भी समीक्षा करेंगे।

बैठक में विस्तृत चर्चा करने के बाद श्री सिंह द्वारा कई दिशा-निर्देश प्रदान किए गए- जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण निम्न हैं:

  • कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की सहायक कंपनियों को सलाह दी गई कि वे सितंबर, 2021 के लिए प्रदान किए गए लक्ष्यों का पालन और कोयला उत्पादन को बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें, जिससे टीपीपी में कोयले का भंडार सुनिश्चित किया जा सके। मंत्री ने सीआईएल से कहा कि वह दैनिक रूप से कोयला कंपनियों की रेक लोडिंग की समीक्षा करे और यह भी सुनिश्चित करे कि वह सितंबर, 2021 की रेक लोडिंग लक्ष्यों के अनुरूप हो।
  • यह सलाह प्रदान की गई कि कैप्टिव कोयला ब्लॉक वाले जेनकोस के लिए एक नीति तैयार की जाए, जिससे कि जेनकोस द्वारा कैप्टिव ब्लॉकों से लक्षित कोयला उत्पादन का कम से 85% सुनिश्चित किया जा सके। कैप्टिव कोयला खदानों के लिए प्रोत्साहित/हतोत्साहित करने वाली प्रणाली भी विकसित की जा सकती है अगर उनका उत्पादन लक्ष्य से ज्यादा होता है या लक्ष्य की तुलना में उत्पादन में कमी आतीहै।
  • आरके सिंह ने कहा कि कैप्टिव कोयला खदानों से कोयला उत्पादन में बढ़ोतरी को सुनिश्चित करने के लिए इससे संबंधित जेनकोस और राज्यों के साथ कैप्टिव कोयला ब्लॉकों से संबंधित मुद्दों परवे अलग से बैठक करेंगे।इससे पहले, सचिव (विद्युत) 6 सितंबर 2021 को कैप्टिव कोयला खादानों के संबंध में सभी हितधारकों के साथ एक बैठक करेंगे।
  • कोर मैनेजमेंट टीम (सीएमटी) द्वारा 10 दिनों से ज्यादा स्टॉक रखने वाले संयंत्रों में कोयले की आपूर्ति को विनियमित करने की योजना बनाया जाएगा और इस प्रकार के विनियमन से मुक्त कोयले को महत्वपूर्ण/सुपरक्रिटिकल कोयला स्टॉक वाले संयंत्रों में वितरित किया जा सकता है।
  • इस बात को सुनिश्चित किया जाएगा कि आयातित कोयला आधारित संयंत्र 85% पीएलएफ पर चलें। वे राज्य जिनके पास आयातित कोयला आधारित संयंत्रों वाले पीपीए हैं और वे विद्युत निर्धारित करने में असफल हो जाते हैं तो उनके घरेलू कोयले को ठीक प्रकार से विनियमित किया जा सकता है। इस संबंध में राज्यों को लगभग 2-3 सप्ताह का नोटिस प्रदान किया जा सकता है, जिससे वे कोयले की अपनी आवश्यकता वाली योजना बना सकें और उसके अनुसार विद्युत का निर्धारण कर सकें।
  • यह सलाह दी गई कि सितंबर और अक्टूबर माह में जल विद्युत संयंत्रोंके निर्धारित रखरखाव को स्थगित कर दिया जाना चाहिए। इसके अलावा, भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) को भी अपने विद्युत उत्पादन कार्यक्रम की समीक्षा करनी चाहिए।
  • इस पर विचार-विमर्श किया गया कि 2025-26 तक सीआईएल द्वारा अपने कोयला उत्पादन को 600 मीट्रिक टन से बढ़ाकर 1000 मीट्रिक टन कर दिया जाएगा।सीआईएल को यह सलाह दी गई कि वे अगले दो वर्षों में कोयले के परिवहन में उत्पन्न होने वाली बाधाओं से बचने के लिए रेलवे के साथ गठबंधनकरे, जिससे कि खदानों से थर्मल पावर प्लांट तक कोयले के निर्बाध आवागमन को सुनिश्चित किया जा सके।
  • सीईए को सलाह दी गई कि वह पिट-हेड और नॉन-पिट हेड प्लांटों के लिए अनिवार्य कोयला स्टॉक सीमाओं की समीक्षा करे। अनिवार्य सीमा/अनिवार्य सीमा से कम कोयला स्टॉक रखने वालों के लिए प्रोत्साहित/हतोत्साहित करने वाली प्रणाली होनी चाहिए।
  • चूंकि मॉनसून के महीनों में कोयले की आपूर्ति प्रभावित होती है, इसलिए मॉनसून की शुरुआत से पहले ही कोयले के भंडारों को बढ़ाने के लिए टीपीपी को ठीक प्रकार से प्रोत्साहित किया जा सकता है। टीपीपी को ‘प्रोत्साहन’ वांछित खदान से लोडिंग और कुचले हुए कोयले की आपूर्ति को प्राथमिकता देने के संदर्भ में होगा।
  • विद्युत मंत्री ने उन बिजली संयंत्रों की सूची प्राप्त करने के बारे में इच्छा व्यक्त की, जिनके लिए कोयले की आपूर्ति विनियमित की गई थी लेकिनउन्होंने अप्रैल से जून 2021 में कार्य पूरा नहीं किया/आंशिक रूप से पूरा किया, जिसके कारण अगस्त-सितंबर, 2021 में कोयले के स्टॉक की समस्या उत्पन्न हुई है। दोषी संयंत्रों को उनकी कमी को पूरा करने के लिए (-) 250 मिमी बिना कुचले हुए कोयले को उठाने के लिए कहा जाना चाहिए। इसके अलावा, यह भी सुझाव दिया गया कि राज्यों में यह स्पष्टता होनी चाहिए कि कोयला कंपनियों को किए गए भुगतानों के अनुरूप ही कोयले की आपूर्ति की जाएगी।
  • सीईए को कहा गया कि वह अपने संबंधित संयंत्रों में कोयला स्टॉक स्पष्ट करते हुए जेनकोस-वार दैनिक कोयला रिपोर्ट तैयार करे। जैसा कि राज्य/केंद्रीय जेनकोस को अपने किसी भी संयंत्र के बीच अपने लिंकेज कोयले का उपयोग करने की छूट प्रदान की गई है, इसलिए जेनकोस-वार निगरानी करने से कोयले का बेहतर प्रबंधन और आवागमन को सुनिश्चित किया जा सकता है।
  • मंत्री ने जेनकोस से कहा कि वह रेलवे द्वारा बताए गए सुझावों पर ध्यान दे कि उत्तर भारत में कोहरे के मौसम (अक्टूबर के मध्य से) में परिवहन में बाधा उत्पन्न हो सकता है और इसलिएइससे पहले ही पर्याप्त कोयला स्टॉक तैयार कर लिया जाना चाहिए।
  • अति व्‍यस्‍त समय के दौरान ज्यादा से ज्यादा गैस आधारित संयंत्रों का संचालन करने की संभावना को तलाशने की इच्छा व्यक्त की गई।एनटीपीसी द्वारा गैस आधारित विद्युत संयंत्रों का निर्धारण करने के लिए राज्यों को प्रदान किए गए प्रस्तावों पर यथाशीघ्र इच्छुक राज्यों के लिए इसको अंतिम रूप प्रदान किया जा सकता है।

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