कोरोना काल में कोयले के ई-ऑक्शन में दी गई राहत अब खत्म कर दी गई है। कोल इंडिया ने सभी अनुषंगी कंपनियों को बाजार की स्थिति के अनुसार नोटिफाइड प्राइस पर प्रीमियम लगा रिजर्व प्राइस तय करने की अनुमति दे दी है। सीआईएल बोर्ड ने भी इसकी स्वीकृति दे दी है। यानी अब अप्रैल 2020 के पहले की तरह कोयले का ई-ऑक्शन होगा।
मालूम हो कोरोना के कारण उत्पन्न स्थिति को देखते हुए कोयले के ई-ऑक्शन में अप्रैल से सितंबर तक के लिए नोटिफाइड प्राइस और रिजर्व प्राइस को एक रखा गया था। केंद्र सरकार की पहल पर यह राहत दी गई थी। तब कोल कंपनियों के पास कोयला का काफी स्टॉक था और मांग कम थी। कोयले की मांग बढ़ाने एवं कोयला स्टॉक को लिक्विडेट करने के लिए सभी तरह के ई-ऑक्शन स्कीम में राहत स्वरूप यह कदम उठाया गया था।
मामले को लेकर सभी अनुषंगी कंपनियों को कोल इंडिया के कंपनी सेक्रेटरी एम विश्वनाथन की ओर से अवगत करा दिया गया है। साथ में लिखा गया है कि इससे संबंधित गाइउलइन जल्दी जारी की जाएगी।
कोरोनाकाल में भी मिला 9 प्रतिशत प्रीमियम : यूं तो कोरोना कल में कोयले की मांग कम थी। बावजूद इसके ई-ऑक्शन में राहत के बावजूद कोयले को नोटिफाइड प्राइस पर औसतन नौ प्रतिशत प्रीमियम मिला। जानकार बताते हैं कि इससे से उत्साहित हो कोल इंडिया ने राहत को खत्म करने का निर्णय लिया है। जब कोरोना काल में नौ प्रतिशत प्रीमियम मिला तो अब कोयले की मांग पहले से बेहतर हुई है। इसलिए अनुषंगी कंपनियों को बाजार के अनुरूप रिजर्व प्राइस तय करने की अनुमति दे दी गई है।