नई दिल्ली, 10 अगस्त। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की मूल रूप से सात अनुषांगिक कंपनियों के माध्यम से कोयला उत्पादन होता है। इन सातों अनुषांगिक कंपनियों का जो प्रबंधकीय ढांचा है इसमें एक महत्वपूर्ण पद निदेशक (कार्मिक) का है।
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दुर्भाग्यजनक स्थिति यह है कि सात में पांच कंपनियों में निदेशक (कार्मिक) का पद रिक्त है। प्रभार के भरोसे काम चल रहा है। जबकि निदेशक (कार्मिक) का पद प्रबंधकीय व्यवस्था के सुचारू संचालन के लिए बेहद अहम होता है। दो अगस्त को यूनियन की कोयला मंत्री के साथ हुई बैठक में यह मुद्दा सीटू नेता रामानंदन द्वारा उठाया गया था। कोल सचिव को लिखित तौर पर भी इसकी जानकारी दी गई है।
इन कंपनियों में डीपी का पद रिक्त :
एसईसीएल, एनसीएल, बीसीसीएल, सीसीएल, ईसीएल
एसईसीएल में निदेशक (तकनीकी) मनोज कुमार प्रसाद निदेशक (कार्मिक) के पद का भी कामकाज संभाल रहे हैं। इसी तरह बीसीसीएल में सीएमडी समीरन दत्ता एवं सीसीएल में सीएमडी पीएम प्रसाद डीपी के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं। ईसीएल में तो यह पद पूरी तरह रिक्त है।
यहां है डीपी
एमसीएल एवं डब्ल्यूसीएल में ही डीपी के पद पर नियुक्ति है। एनसीएल के लिए मनीष कुमार के नाम की पीईएसबी ने अनुशंसा मई में की थी, लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हो सकी है।
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डीपी का क्या होता है काम
मूल रूप से कंपनी की प्रशासनिक व्यवस्था देखना इस पद की जवाबदारी होती है। मानव संसाधन, भर्ती, औद्योगिक संबंध, राजभाषा, कार्यपालक व गैर कार्यपालकों की पदस्थापना, मेडिकल, लीगल, सुरक्षा, वेलफेयर, सीएसआर, जनसंपर्क आदि काम इस पद के दायरे में आते हैं।
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