नई दिल्ली, 21 जनवरी। कोयला कामगारों के 11वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी एमजीबी पर बनी सहमति को 18 दिन गुजर चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर अंतिम यानी अधिकारिक मुहर नहीं लग सकी है। मामला डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (DPE) के पास लटका हुआ हुआ।
संयुक्त द्विपक्षीय समिति (JBCCI) की 3 जनवरी, 2023 को हुई 8वीं बैठक में 11वें वेतन समझौते के तहत 19 फीसदी न्यूनतम गारंटीड लाभ (MGB) पर सहमति बनी थी। कोल इंडिया प्रबंधन ने कोल मंत्रालय को इस हेतु सिफारिश भेजी। कोल मंत्रालय ने 10 जनवरी को 19 फीसदी एमजीबी पर स्वीकृति प्रदान करने डिपार्टमेंट ऑफ पब्लिक इंटरप्राइजेस (डीपीई) को प्रस्ताव प्रेषित किया।
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इधर, खबर आ रही है कि डीपीई में 19 फीसदी एमजीबी देने का मामला लटक सकता है। इसको लेकर संशय की स्थिति बन रही है। कोल मंत्रालय ने एक संयुक्त सचिव को इस मामले को देखने के लिए तैनात भी किया है। दरअसल डीपीई की छूट के बगैर 19 प्रतिशत एमजीबी पर सहमति बनाई है।
सूत्रों की मानें तो डीपीई 19 फीसदी एमजीबी को लेकर सहमत नहीं है। कोयला मंत्रालय ने जरूर अपने संयुक्त सचिव भबानी प्रसाद पति को मामले को लेकर डीपीई के साथ लाइजिनिंग के लिए लगा रखा है। कहा जा रहा है कि जब तक अति उच्च स्तर का हस्तक्षेप नहीं होगा डीपीई से स्वीकृति मिलना मुश्किल है।
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गेंद वित्त मंत्रालय के पाले में है। कहा जा रहा है कि वित्त मंत्रालय सीधे तौर पर कोयला मंत्रालय की बात नहीं सुनेगा। पीएमओ हस्तक्षेप के बाद ही कुछ बात बन सकी है। हालांकि अभी यह कहना जल्दबाजी होगी, क्योंकि कोयला मंत्रालय अपने स्तर पर प्रयासरत है। श्रमिक संगठनों को भी डीपीई पर दबाव बनाने के लिए काम करना होगा।
इधर, अधिकारियों का एक संगठन वेतन विसंगति को लेकर सवाल उठाते हुए पत्राचार कर रहा है। 19 फीसदी एमजीबी को डीपीई द्वारा स्वीकृत किया जाता है तो ग्रेड एक वन कोल कर्मियों का वेतन अधिकारियों के ग्रेड ई 4 से अधिक हो जाएगा। जबकि 10वें वेतन समझौते के बाद ग्रेड ए वन का वेतन ई 2 से कम था। कोल माइंस अफसर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीएमओएआई) डीपीई की गाइडलाइन के निर्देशों का पालन करने की मांग कर रहा है। अफसरों के संगठन का कहना है कि गैर अधिकारियों का वेतन अधिकारियों से अधिक नहीं होना चाहिए। 19 फीसदी एमजीबी को स्वीकृति मिलती है तो गैर अधिकारियों के ग्रेड ए वन का बेसिक 71,031 हो जाएगा, जो कि अधिकारियों के ई 4 के बेसिक 70,000 से अधिक हो जाएगा। अधिकारियों के संगठन का कहना है कि वेतन विवाद खत्म नहीं किया तो यह उनके साथ अन्याय होगा।