नई दिल्ली, 24 अगस्त। कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की अपेक्स जेसीसी (Apex JCC) की बैठक 23 अगस्त को कोलकाता में आयोजित की गई। इस संदर्भ में एचएमएस के नेता और अपेक्स जेसीसी के सदस्य नाथूलाल पांडेय ने बैठक में उठाए गए मुद्दों की जानकारी दी।
- पति और पत्नी दोनों के कर्मचारी होने की स्थिति में प्रति लाभार्थी को रुपए 25000 तक बाह्य उपचार के मुद्दे पर पुनर्विचार करने पर सहमति हुई है।
- अनुग्रह राशि दुर्घटना ग्रस्त श्रमिकों (स्थाई एवं ठेकेदारी श्रमिक) के आश्रितों को 15 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपए देने के मुद्दे पर प्रबंधन ने सहमति व्यक्त की।
- चिकित्सा उद्देश्य के लिए अविवाहित बहन को आश्रित के रूप में शामिल किया जाए, इस मुद्दे पर चर्चा की गई और अविवाहित बहन को आश्रित के रूप में शामिल करने पर सहमति बनी।
- आश्रित एवं भूमि विस्थापितों को उनकी योग्यता के अनुसार नियोजन। प्रबंधन ने आश्वासन दिया कि इस मामले की जांच की जाएगी।
- एन्युटी 2020 – एक मासिक मुआवज़ा बढ़ाया जाए, कम से कम कटेगरी- एक वेतन सुनिश्चित किया जाए और बाद में आने वाले एनसीडब्ल्यूए के अनुसार इसे संशोधित किया जाए। इस मुद्दे की जांच पर सहमति बनी ।
- मेडिकल एक्जीक्यूटिव्स (डॉक्टर्स) की भर्ती में देरी को देखते हुए भर्ती प्रक्रिया का अधिकार कोल इंडिया लिमिटेड को दिया जाए ताकि इस प्रक्रिया को न्यूनतम समय सीमा के साथ सरल बनाया जा सके। भर्ती करते समय, उम्मीदवारों की पोस्टिंग उनकी पसंद/कंपनी के अनुसार की जाए। चर्चा के बाद इस बात पर सहमति बनी कि भर्ती की प्रक्रिया को कोल इंडिया द्वारा Centralised किया जाएगा ।
- कर्मचारियों के आश्रितों की ट्यूशन फीस और हॉस्टल शुल्क की प्रतिपूर्ति की सुविधा इंटीग्रेटेड प्रोग्राम्स इन मैनेजमेंट (आईपीएम) – बीबीए $ एमबीए जैसे पाठ्यक्रमों और आईआईएम में भी दिया जाए। इस मुद्दे पर प्रबंधन की भी सहमति बनी।
- शारीरिक रूप से विकलांग आश्रितों के मामलों पर कार्रवाई की जाए और कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा चिन्हित नौकरियों के अनुसार रोजगार प्रदान किया जाए। प्रबंधन इस बात पर सहमत हुआ कि इसे लागू किया जाएगा।
- न्यायालय के समक्ष लम्बित प्रकरणों की अउट ऑग कोर्ट समझौता से संबंधित प्रशासनिक आदेश दिनांक 14-04-2016 को अक्षरशः लागू किया जाए। इस मुद्दे पर प्रबंधन की ओर से भी सहमति बनी।
- प्रबंधन द्वारा आश्रित को रोजगार यह कह कर देने से इनकार कर दिया जाता है कि यदि परिवार का कोई सदस्य रोजगार पर है। प्रबंधन इस बात पर सहमत हुआ कि इस मुद्दे को सर्वाच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के अनुसार लागू किया जाएगा।
- कर्मचारी 7 वर्ष से अधिक समय से लापता है और अदालत द्वारा उसे मृत घोषित होने पर आश्रित रोजगार दिया जाए। प्रबंधन इस मुद्दे पर सहमति व्यक्त की गई।
- विवाहित पुत्रियों को आश्रित रोजगार देने हेतु छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के निर्देशानुसार एसईसीएल ने विवाहित पुत्री के आश्रित प्रकरणों के निराकरण हेतु परिपत्र जारी किया है। कोल इंडिया प्रबंधन इस बात पर सहमत हो गया कि इस मुद्दे पर कोल इंडिया द्वारा भी परिपत्र जारी किया जाएगा ताकि इसे सामान्य तौर पर लागू किया जा सके।
- महिला वी.आर.एस. मुद्दे पर पुराने लंबित मामलों की निराकरण पर सहमति बनी।