जयपुर, 14 अक्टूबर। स्वच्छ कोयला ऊर्जा की दिशा में अपने विविध कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) ने केंद्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी और राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति में जयपुर में 1190 मेगावाट की सौर विद्युत परियोजना विकसित करने के लिए राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (आरआरवीयूएनएल) के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस अवसर पर श्री जोशी ने कहा कि भारत के पास आगामी 50 वर्षों के लिए पर्याप्त कोयला भंडार है। अब स्वच्छ कोयले का उत्पादन करने पर जोर दिया जा रहा है और इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान में आठ मिलियन टन स्टॉक उपलब्ध है और राज्य सरकार को परिवहन बाधाओं को दूर करने के लिए नवीन समाधानों पर जोर देना चाहिए। श्री जोशी ने कहा कि कोयले के परिवहन के लिए अब रेल सह समुद्री मार्ग को प्राथमिकता दी जाती है ताकि परिवहन में लगने वाला समय कम हो।
श्री जोशी ने कहा कि सभी राज्यों में बिजली की समस्याओं के समाधान के लिए कदम उठाए जा रहे हैं और सभी राज्यों में बिजली की जरूरत को पूरा करने के साथ-साथ उन्हें विकसित बनाकर, नए भारत के लिए प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार किया जाएगा।
सीआईएल के अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल और आरआरवीयूएन के सीएमडी राजेश कुमार शर्मा ने प्रस्तावित परियोजना के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इसे राजस्थान के आगामी सौर पार्क में स्थापित किया जाएगा। नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के अल्ट्रा मेगा रिन्यूएबल एनर्जी पावर पार्क के तहत इसे मंजूर किया गया है। यह स्वच्छ कोयला ऊर्जा के लिए अपने विविध कार्यक्रम के हिस्से के रूप में सीआईएल के सौर विद्युत उत्पादन के प्रयासों को बढ़ावा देगा। यह परियोजना चरणबद्ध तरीके से शुरू होगी और स्वच्छ बिजली प्रदान करने के अलावा इससे राज्य में रोजगार पैदा होने की भी संभावना है।
इस अवसर पर राजस्थान सरकार के विद्युत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भंवर सिंह भाटी, भारत सरकार के कोयला मंत्रालय में सचिव डॉ. ए.के. जैन और राजस्थान सरकार की मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा भी उपस्थित थे।