दुनिया की सबसे बड़ी कोयला उत्पादक कंपनी कोल इंडिया (Coal India) को आने वाले समय में मांग की भारी कमी का सामना करना पड़ सकता है। Money Control के मुताबिक, एसेसमेंट रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले दो साल में कोयले की मांग में 58 पर्सेट की गिरावट हो सकती है। कैप्टिव कोल ब्लॉक के खरीदारों द्वारा प्रोडक्शन शुरू करने से ऐसा हो सकता है।
कोल मिनिस्ट्री की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोल इंडिया के टॉप 50 पावर और नॉन-पावर बायर्स अगले दो साल में माइनिंग कंपनियों से कोयले की खरीदारी 20-58 पर्सेट कम कर सकते हैं। हालांकि, कोयले की कुल मांग और खपत पहले जैसी बनी रहने की संभावना है या इसमें और बढ़ोतरी हो सकती है। पिछले वित्त वर्ष के आंकड़ों के मुताबिक, कोल इंडिया ने अपने टॉप 100 बायर्स को 691.26 MT कोयले की सप्लाई की थी।
भारत में बिजली की खपत में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है और गर्मी बढ़ने के साथ ही इसमें और बढ़ोतरी होने की संभावना है। पीक सीजन के दौरान भारत में बिजली की मांग रिकॉर्ड 250 गीगावॉट रहने की संभावना है। भारतीय मौसम विभाग ने इस सीजन में सामान्य से ज्यादा गर्मी रहने की संभावना जताई है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी (IEA) ने इस साल कोयले के उत्पादन में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस साल पहली बार कोयले का उत्पादन पहली बार 1 अरब टन पहुंचने का अनुमान है।