Shivkumar Yadav
Shivkumar Yadav

नई दिल्ली, 30 सितम्बर। एक सीनियर यूनियन लीडर की वजह से कोयला कामगारों का एक लाख रुपए का बोनस निर्धारित नहीं हो सका। यूनियन संयुक्त रूप से सीआईएल (CIL) प्रबंधन पर दबाव बनाने की स्थिति में आ गया था।

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एचएमएस नेता शिवकुमार यादव ने आज एक वीडिया जारी कर मानकीकरण समिति की इन साइड स्टोरी बताई है। यहां बातना होगा कि 29 सितम्बर को नई दिल्ली में कोल इंडिया जेबीसीसीआई की मानकीकरण समिति की बैठक हुई और इसमें कोयला कामगारों के लिए 93,750 रुपए परफार्मेंस लिंक्ड रिवार्ड (PLR) तय किया गया। चारों यूनियन (एचएमएस, बीएमएस, सीटू, एटक) के लीडर्स ने संयुक्त रूप से डेढ़ लाख रुपए बोनस का प्रस्ताव प्रबंधन के समक्ष रखा था। प्रबंधन ने इस एक सिरे से खारिज कर दिया था।

प्रबंधन पहले 86 हजार फिर 88 हजार रुपए से अधिक देने तैयार नहीं था। बाद में प्रबंधन 90 हजार और 91 हजार पतक पहुंचा और रूक गया। एचएमएस नेता शिवकुमार यादव ने जारी वीडियो संदेश में बताया कि लंबी बहस के बाद भी जब प्रबंधन आगे नहीं बढ़ रहा था तब चारों यूनियन के नेताओं ने कम से कम एक लाख रुपए बोनस की मांग रखने की योजना बनाई। एक लाख रुपए की मांग रखने के साथ हड़ताल का नोटिस भी तैयार किया गया, जिस पर सभी नेताओं ने हस्ताक्षर किया। हड़ताल के नोटिस पर एक लाख 20 हजार रुपए की डिमांड रखी गई।

वापस बैठक कक्ष में जाने के बाद एक वरिष्ठ श्रमिक नेता ने प्रबंधन से 95 हजार रुपए देने की बात कह दी। इस पर शिवकुमार यादव भड़क गए और उन्होंने कहा एक लाख रुपए से कम नहीं लेंगे। श्री यादव फिर बाहर आ गए। इस दौरान वरिष्ठ नेता ने एक और खिचड़ी पका दी और 93 हजार रुपए बोल दिया। एक सीनियर लीडर ने 94 हजार का प्रस्ताव रख दिया। प्रबंधन को भी बहाना मिल गया। फिर 93,500 और इसके बाद 93,750 रुपए पर बात ठहरी तथा सभी ने हस्ताक्षर किए। इसके पहले प्रबंधन के साथ काफी बहस हुई और गरमागरमी का माहौल उत्पन्न हो गया था। डीपी ने गुंडागर्दी नहीं चलेगी तक कह दिया था।

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ठेका श्रमिकों के लिए पहली बार अधिकारिक रूप से बोनस हुआ तय

शिवकुमार यादव ने कहा कि इसमें प्रबंधन का कोई दोष नहीं हैं। सभी एक लाख या इससे अधिक की राशि पर अडिग रहते और हड़ताल की बात करते तो प्रबंधन को झुकना पड़ता। श्री यादव ने कोयला कामगारों से एक लाख रुपए बोनस नहीं दिला पाने के लिए माफी मांगी है। एचएमएस नेता ने यह भी कहा कि कोल इंडिया में पहली बार ठेका श्रमिकों के लिए अधिकारिक रूप से बोनस तय किया गया गया है। दस्तावेज में बोनस के बजाए परफार्मेंस लिंक्ड रिवार्ड उल्लेख किया गया है। ठेका श्रमिकों को 8.33 फीसदी की दर से बोनस प्रदान किया जाएगी। ठेकेदार ठेका श्रमिक को बोनस नहीं देता है तो कोल इंडिया को बोनस राशि का भुगतान करना होगा।

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