नई दिल्ली, 24 जुलाई। तमाम सुरक्षा उपायों के बावजूद कोयला खदानों में प्रत्येक वर्ष दुर्घटनाएं होती हैं। इन हादसों में कामगारों की जान भी जाती है और घायल भी होते हैं।
विगत साढ़े तीन साल में देश के 10 राज्यों में स्थित कोयला खदानों में हुए हादसों में 185 कामगारों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा 35 मौत तेलंगाना में स्थित कोयला खदानों में हुई है। तेलंगाना में सिंगरेनी कोलियरिज कंपनी लिमिटेड (SCCL) की खदानें स्थित हैं।
देखें राज्यवार मौत के आंकड़े (वर्ष 2019, 2020, 2021, जून 2022) :
- तेलंगाना- 35
- झारखंड- 34
- पश्चिम बंगाल- 32
- छत्तीसगढ़- 27
- मध्यप्रदेश- 21
- ओडिशा- 17
- महाराष्ट्र- 14
- उत्तरप्रदेश- 3
- राजस्थान- 1
- तमिलनाडू- 1
कोयला खदानों में सुरक्षा संबंधी ये कानून होते हैं लागू
खानों में कार्यरत व्यक्तियों के लिए व्यावसायिक सुरक्षा और स्वास्थ्य हेतु प्रावधान खान अधिनियम 1952 और इसके तहत बनाए गए नियमों और विनियमों में किए गए हैं। कोयला खानों पर लागू कानून हैं : (i) खान अधिनियम 1952, (ii) खान नियमावली, 1955, (iii) कोयला खान विनियम, 2017 (iv) खान बचाव नियम, 1985, (v) खान व्यावसायिक प्रशिक्षण नियमावली 1966, (vi) खान केच नियम, 1985 आदि। इसके अलावा, खान सुरक्षा महानिदेशालय (DGMS) दुर्घटनाओं और खनन विधि तथा मशीनरी में प्रौद्योगिकीय प्रगति के आधार पर समय- समय पर परिपत्र जारी करता है।
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