कोरबा, 16 मार्च। पब्लिक सेक्टर की कंपनी को आबंटित कोल ब्लॉक का उत्खनन कार्य एमडीओ के माध्यम से कराए जाने पर भूविस्थापितों को रोजगार नहीं मिलेगा। इसका खुलासा छत्तीसगढ़ विधानसभा में प्रस्तुत जवाब में हुआ है।
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के घरघोड़ा क्षेत्र में स्थित तलाईपल्ली कोयला खदान (Talaipalli Coal Mines) का आबंटन पब्लिक सेक्टर की कंपनी एनटीपीसी (NTPC) को हुआ है। एनटीपीसी ने खदान से कोयला उत्खनन का कार्य माइन डेवलपर कम ऑपरेटर (MDO) के माध्यम से निजी कंपनी एनसीसी एंड बीजीआर माइनिंग इन्फ्रा को सौंपा है।
तलाईपल्ली कोयला खदान से अक्टूबर 2023 से कोयला उत्पादन शुरू हुआ है। इस खदान से रायगढ़ स्थित एनटीपीसी के लारा सुपर थर्मल पॉवर प्लांट को कोयले की आपूर्ति की जा रही है। तलाईपल्ली कोयला खदान में 843.68 मिलियन टन का बड़ा रिजर्व है। खदान से सालाना 18.73 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया जाना है।
इधर, 11 मार्च, 2025 को छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान विधायक लालजीत सिंह राठिया ने एनटीपीसी एवं एसईसीएल द्वारा कोयला खदानों के लिए किसानों की भूमि के अधिग्रहण के एवज में दिए गए रोजगार की जानकारी मांगी थी।
राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा द्वारा प्रस्तुत जवाब में बताया गया कि एनटीपीसी तलाईपल्ली कोयला खदान का संचालन एमडीओ के माध्यम से हो रहा है। मंत्री ने बताया कि एनटीपीसी तलाईपाली के पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन में योजना में नियमित रोजगार/नौकरी के बदले प्रभावित/विस्थापित परिवारों को वार्षिकी भुगतान करने का प्रावधान है। अब तक कुल 1843 परियोजना प्रभावित/विस्थापित परिवारों को रोजगार के एवज में वार्षिकी का भुगतान किया जा चुका है। नियमित रोजगार/नौकरी का प्रावधान नहीं है।
यहां बताना होगा कि एनटीपीसी द्वारा एमडीओ को जो तलाईपल्ली कोयला खदान दी गई है उसकी शर्तां में भूमि अधिग्रहण और पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन से संबंधित गतिविधियां सम्मिलित हैं, लेकिन भूविस्थापितों को रोजगार देने का कोई प्रावधान नहीं रखा गया है।
इससे यह स्पष्ट होता है कि यदि कोयला खदानें एमडीओ को सौंपी जाएंगी तो भूमि देने वाले भूस्वामियों को रोजगार नहीं मिलेगा। एनटीपीसी के अलावा कोल इंडिया द्वारा भी एमडीओ के माध्यम से कोयले का उत्खनन कराया जा रहा है।