नई दिल्ली, 06 जून। कोयला मंत्रालय एवं कोल इंडिया द्वारा नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में कोयला मंत्री द्वारा वर्ष 2022-23 में सुरक्षा, उत्पादन एवं उत्पादकता, संधारणीयता (सस्टेनेबिलिटी), गुणवत्ता एवं ईआरपी कार्यान्वयन, इन पांच श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली कंपनियों के सीएमडी को पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके साथ ही वृहद, बड़े, मध्यम और छोटे क्षेत्रों की श्रेणी में वर्ष भर बेहतर प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रीय महाप्रबंधकों को भी पुरस्कृत किया गया।
बीसीसीएल (BCCL) को उत्पादन एवं उद्पाकता की श्रेणी में कंपनी स्तर पर तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी के हाथों से कोयला सचिव अमृत लाल मीणा, अध्यक्ष कोल इंडिया प्रमोद अग्रवाल एवं कोयला मंत्रालय के अवर सचिव एम. नागराजू की उपस्थिति में यह पुरस्कार बीसीसीएल के सीएमडी समीरन दत्ता और निदेशक तकनीकी (संचालन) संजय कुमार सिंह ने प्राप्त किया। इसके साथ ही मध्यम श्रेणी के क्षेत्रों श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले बीसीसीएल के लोदना, बस्ताकोला, कुसुंडा और बलॉक- क्षेत्रों के महाप्रबंधकों को भी कोयला मंत्री द्वारा ट्रॉफी और प्रमाण-पत्र के साथ सम्मानित किया गया। यह पुरस्कार लोदना क्षेत्र से बी. के. सिन्हा, बस्ताकोला से निर्झर चक्रवर्ती, कुसुंडा से वी. के. गोयल और ब्लॉक- से चितरंजन कुमार ने प्राप्त किया।
ज्ञात हो कि कोयला मंत्री पुरस्कार 2022- 23 के लिए इस पुरस्करा वितरण समारोह के साथ ही कोल इंडिया लिमिटेड द्वारा एक “भूमिगत कोयला खनन – सतत ऊर्जा सुरक्षा के लिए आगे का रास्ता” विषय पर एक संगोष्ठी और प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था। बीसीसीएल द्वार इस प्रदर्शनी में मुनीडीह में संचालिच ‘मोनोरेल सिस्टम’ तथा ‘नाइट्रोजन प्लांट’ के मॉडल का प्रदर्शन किया गया था। कोयला मंत्री, कोयला सचिव एवं कोल इंडिया के अध्यक्ष एवं अन्य गणमान्य अतिथियों ने बीसीसएल द्वारा प्रदर्शित मॉडल एवं लगाये गये स्टाल की सराहना की।
संगोष्ठी- सह- पुरस्कार वितरण समारोह में बोलते हुए कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में कोयले की भूमिका महत्वपूर्ण है। कोल इंडिया ने इस वर्ष रिकॉर्ड उत्पादन किया है और आगे भी यह प्रदर्शन जारी रहेगा। हमें उत्पादन को बढ़ा कर देश का कोयला आयात कम करना है।
इस अवसर पर बोलते हुए कोयला सचिव श्री अमृत लाल मीणा ने कहा कि मिशन कोकिंग कोल कोल के साथ भूमिगत उत्पादन को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने विशेष रूप से झरिया का उल्लेख करते हुए कहा कि बीसीसीएल झरिया की आग को बुझाने और प्रभावित लोगों के सुरक्षित पुनर्वास करते हुए अग्नि-प्रभावित क्षेत्र से कोयले का उत्पादन भी कर रहा है। अप्रैल 2023 तक बीसीसीएल ने इस क्षेत्र से 41 मिलियन टन कोयले का उत्पादन किया है। जिसका बिक्री मूल्य लगभग चौदह हजार करोड़ रुपये है। झरिया मास्टर प्लान के तहत बीसीसीएल के प्रयास सराहनीय है।
कोल इंडिया अध्यक्ष प्रमोद अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि कोल इंडिया का उत्पादन बढ़ने से देश का कोयला आयात कम हुआ है। साथ ही उन्होंने कहा कि भूमिगत कोयला खनन को बढ़ाना होगा क्यांकि कोयले की उच्च गुणवत्ता के साथ ही भूमिगत खनन से पर्यावरण को भी कम नुकसान होता है।
संगोष्ठी के अवसर पर कोल इंडिया कोल इंडिया द्वारा तैयार भूमिगत खनन से संबंधित विजन दस्तावेज का भी विमोजन किया गया। बी वीरा रेड्डी, निदेशक(तकनीकी) ने इस संबंध में विस्तृत जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि कोल इंडिया अपने उत्पादन के 10 प्रतिशत तक भूमिगत खनन से करने में सक्षम है।
प्रदर्शनी के लिए बीसीसीएल की ओर से मॉडल तैयार करने वाली टीम में ये सम्मिलित थे : मनीष कुमार – प्रबंधक (विद्युत एवं यांत्रिकी), बीसीसीएल, अनुराग कुमार – सहायक प्रबंधक (विद्युत एवं यांत्रिकी), बीसीसीएल, बिजय कुमार – सहायक प्रबंधक (विद्युत एवं यांत्रिकी), इंदु, गौतम कुमार नायक – सहायक फोरमैन, बीसीसीएल, बलदेव भगत – सहायक फोरमैन, बीसीसीएल, अशोक गोराई – इलेक्ट्रीशियन, इंदु।