गुरुवार को केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ओडिशा स्थित महानदी कोलफील्ड्स लिमिटेड की खदानों के दौरे पर पहुंचे। उनके साथ कोयला राज्यमंत्री रावसाहेब पाटिल दानवे भी थे।
श्री जोशी ने हगुला एरिया के बलराम ओपनकास्ट प्रोजेक्ट का जायजा लिया। 08 मिलियन टन क्षमता वाली इस खदान में ब्लास्टिंग कार्य को सिर्फ महिलाएं अंजाम देती हैं। कोयला मंत्री ने वहां तैनात कोल वारियर्स से बातचीत की और कोयला उत्पादन एवं डिस्पैच बढ़ाने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
कोयला मंत्री ने बलराम ओपनकास्ट प्रोजेक्ट के नजदीक श्रमिक गौरव जल उद्यान की आधारशिला रखी। बताया गया है कि कोयला खदान को पुनर्स्थापित कर बनाई गई एक सुंदर झील के किनारे स्थित इस जगह में एक बड़े पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने की अपार संभावनाएं हैं।
कोयला मंत्री ने हिंगुला एरिया में रेलवे साइडिंग का दौरा किया और साइडिंग पर रेलवे वैगन के आवागमन में लगने वाले समय को कम से कम करने पर जोर दिया। वहां मौजूद रेलवे अधिकारियों के साथ अधिक से अधिक कोल डिस्पैच करने के बारे में विचार-विमर्श किया।
श्री जोशी ने हिंगुला एरिया में रेलवे साइडिंग पर पे-लोडर ऑपरेटर्स का सम्मान भी किया। कोयला उत्पादन एवं प्रेषण करने में उनके कठिन परिश्रम एवं समर्पण के लिए उनकी सराहना की और कोल लोडिंग बढ़ाने के लिए उनका हौसला बढ़ाया।
एमसीएल से पहले कोयला मंत्री एसईसीएल, सीसीएल, एनसीएल की कोयला खदानों का दौरा कर चुके हैं। कोयला उत्पादन और प्रेषण में गति लाने के उद्देश्य से यह दौरा किया जा रहा है। देश के कई विद्युत संयंत्रों में कोल स्टॉक की समस्या बनी हुई है। कैप्टिव संयंत्रों को पर्याप्त कोयला नहीं मिल पा रहा है।
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