नई दिल्ली, 27 मार्च। कोयला मंत्री जी. किशन रेड्डी (Coal Minister G Kishan Reddy) द्वारा कामगारों के अनफिट (Medical Unfit) मुद्दे को लेकर आप (AAP) के राज्यसभा सांसद को लिखे पत्र ने श्रमिक संगठनों के बीच हड़कंप मचा दिया है। दरअसल इस पत्र के अनुसार 9.4.0 को फिर लागू से नहीं करने को लेकर यूनियन नेताओं ने सहमति दी थी।
आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने 9.4.0 के मुद्दे को जोरदार तरीके से संसद में उठाया था। अनफिट कामगारों के आश्रितों को नौकरी देने वाल इस विषय को लेकर संजय सिंह द्वारा कोयला मंत्री को पत्र भी लिखा गया। इस पत्र का कोयला मंत्री ने जवाब दिया है, जो इस प्रकार है :
कृपया दिनांक 19.02.2025 को राज्य सभा में शून्य काल के दौरान आपके द्वारा उठाए गए अत्यावश्यक लोक महत्व के मामले का संदर्भ लें, जिसका एक अंश राज्य सभा सचिवालय से इस मंत्रालय के दिनांक 06.03.2025 के कार्यालय ज्ञापन संख्या 19/6/2029-(विधि-II) के तहत प्राप्त हुआ है।
2. मैंने कोल इंडिया लिमिटेड के साथ इस मुद्दे की विस्तार से जांच की है। आपको यह जानकारी देना है कि NCWA के खंड 9.4.0 के कार्यान्वयन के मामले पर 27.06.2024 को CIL की शीर्ष संयुक्त सलाहकार समिति की बैठक में विचार-विमर्श किया गया था, जिसमें CIL/सहायक कंपनियों के प्रबंधन और कोयला उद्योग में कार्यरत केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के प्रतिनिधि शामिल थे।
3. विभिन्न आयामों को ध्यान में रखते हुए, सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि स्थायी रूप से विकलांग कर्मचारी के आश्रितों को रोजगार प्रदान करने के लिए एनसीडब्ल्यूए के खंड 9.4.0 को पुनः लागू करना संभव नहीं है।
हालांकि, “सीआईएल और एससीसीएल के लिए 10वें वेतन समझौते” से जारी वेतन समझौते के खंड 6.5.2 के तहत, निर्दिष्ट बीमारियो से पीड़ित कर्मचारियों को उनके वेतन का 50% तब तक दिया जाता रहेगा जब तक कि उन्हें चिकित्सकीय रूप से फिट घोषित नहीं कर दिया जाता।
4. मुझे विश्वास है कि उपर्युक्त तथ्यों से वर्तमान स्थिति स्पष्ट होगी। मैं आपको यह भी आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोयला और खनन क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का कल्याण मेरी सर्वोच्च प्राथमिक्ता है।