नई दिल्ली, 04 दिसम्बर। कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा सीआईएल प्रबंधन को वेतन समझौते को जल्द से जल्द पूरा करने का निर्देश देने तथा ट्रेड यूनियनों को हड़ताल पर नहीं जाने देने के बयान पर सीटू के वरिष्ठ नेता व जेबीसीसीआई सदस्य डीडी रामनंदन ने अपनी प्रतिक्रिया दी है।

इसे भी पढ़ें : कोयला कामगारों का वेतन समझौता, कोल मिनिस्टर जोशी का आया बड़ा बयान, कहा- हड़ताल पर नहीं जाने देंगे

श्री रामनंदन ने industrialpunch.com से चर्चा करते हुए कहा कि कोयला मंत्री का यह बयान स्वागत योग्य है, लेकिन कोयला मंत्री को चाहिए की वे यूनियन और प्रबंधन को बुलाकर कन्फ्यूजन को दूर करे। सीटू नेता ने कहा कि 2 अगस्त को कोयला मंत्री के साथ हुई बैठक में वेतन समझौते में डीपीई के ऑफिस मेमोरेंडम की बाधा को लेकर चर्चा हुई थी। कोयला मंत्री ने आश्वस्त किया था कि इस बाधा को दूर किया जाएगा। मंत्री ने पूर्व कोल सचिव डा. अनिल जैन को इस मामले को देखने कहा था। चर्चा के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि कोल सेक्टर में डीपीई की गाइडलाइन लागू नहीं हो सकती। क्योंकि कोल सेक्टर का एक अलग स्टेट्स है।

दो अगस्त के बाद जेबीसीसीआई की दो बैठकें हो गई, लेकिन कोल इंडिया प्रबंधन का रवैया सकारात्मक नहीं रहा है। सीटू नेता श्री रामनंदन ने कहा कि कोयला मंत्री का निर्देश कोल इंडिया को लिखित में पहुंचे तो यह असरदार होगा। साथ ही वेतन समझौते के लिए एक समयसीमा का निर्धारण हो।

इसे भी पढ़ें : SECL : सीएमडी गेवरा मेगा प्रोजेक्ट में उतरे, प्रोडक्शन व डिस्पैच पर दिया जोर

जेबीसीसीआई सदस्य ने कहा कि कोल इंडिया का उत्पादन ग्रोथ में है। चालू वित्तीय वर्ष के अंत तक उत्पादन की रफ्तार बरकरार रही तो सीआईएल को कम से कम 90 हजार करोड़ रुपए का मुनाफा होगा।

कोल सेक्टर की खबरें पढ़ने क्लिक करें : https://www.industrialpunch.com/category/coal/ 

 

  • Website Designing