नई दिल्ली, 04 अगस्त। कोयला मंत्रालय ने साफ कर दिया है कि कोल इंडिया लिमिटेड (CIL) की अनुषांगिक कंपनियों से प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं (trainees) को नौकरी देने का कोई प्रावधान नहीं है। वर्ष 2021- 22 में कोल इंडिया की आठ अनुषांगिक कंपनियों से आठ हजार 295 युवा प्रशिक्षित हुए।
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चालू मानसून सत्र में संसद में सरकार से सीआईएल से प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को रोजगार उपलब्ध कराने संबंधी योजना को लेकर सवाल पूछा गया था। सरकार से कहा गया था कि सीआईएल के हजारों प्रशिक्षु बेरोजगार घूम रहे हैं।
इस पर कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी द्वारा यह जवाब प्रस्तुत किया गया :
शिक्षु अधिनियम, 1961 के अनुसार, कोल इंडिया लिमिटेड और इसकी सहायक कंपनिया प्रशिक्षुओं को अपने कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए बुनियादी और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान करती है। प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं को रोजगार उपलब्ध कराने का कोई प्रावधान नहीं है। सरकार द्वारा संचालित पोर्टल जैसे एनएटी, एनएपी आदि के माध्यम से प्रशिक्षु अनुबंध किए जाते हैं और प्रशिक्षुओं की प्रशिक्षुता पश्चात स्थिति पर नजर नहीं रखी जाती है।
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प्रशिक्षुओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कोई योजना तैयार करने संबंधी कोई प्रस्ताव कोयला मंत्रालय के विचाराधीन नहीं है। प्रशिक्षुओं को बुनियादी प्रशिक्षण और व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है और उन्हें शिक्षु अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के अनुसार मासिक वृतिका का भुगतान किया जाता है।
2021-22 के दौरान प्रशिक्षित प्रशिक्षुओं का कंपनीवार विवरण :
- सीसीएल- 1231
- बीसीसीएल- 1144
- सीएमपीडीआईएल- 181
- ईसीएल- 1450
- डब्ल्यूसीएल- 1459
- एमसीएल- 1270
- एनसीएल- 1110
- एसईसीएल- 450
- कुल- 8295
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