नई दिल्ली, 30 अप्रेल। शनिवार को कोयला मंत्रालय ने जारी बयान में कहा कि देश में कोयले का पर्याप्त भण्डार मौजूद है। मंत्रालय ने कहा है कि कोल इंडिया लिमिटेड के पास पांच करोड़ 67 लाख मीट्रिक टन और सिंगरेनी कोलरीज कंपनी के पास 43 लाख मीट्रिक टन कोयला मौजूद है। मंत्रालय के अनुसार केप्टीव कोल ब्लॉक्स के पास 23 लाख मीट्रिक टन कोयला है।
इधर, बताया गया है कि मंत्रालय द्वारा आंकड़े प्रस्तुत कर यह जताने का प्रयास किया जा रहा है कि देश में कोयले की कमी नहीं है। बेशक देश में कोयले की कमी नहीं है, लेकिन विद्युत संयंत्रों के पास कितना कोल स्टॉक है इसके आंकड़े जारी नहीं किए जा रहे हैं।
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यहां समस्या यह है कि विद्युत संयंत्रों को अनुबंध के अनुरूप कोयले की आपूर्ति नहीं हो रही है। एक तरफ केयला मंत्रालय कहता है कि सीआईएल के पास कोयले का पर्याप्त भंडार है। दूसरी ओर केन्द्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) की रिपोर्ट यह कहती है कि पॉवर प्लांट्स के पास पर्याप्त कोल स्टॉक नहीं है।
सीईए ने 165 विद्युत संयंत्रों की जो रिपोर्ट जारी की है इसके अनुसार यहां औसतन निर्धारित स्टॉक का 32 प्रतिशत ईंधन ही मौजूद है। इन 165 संयंत्रों से 2,03,347 मेगावाट विद्युत उत्पादन होता है। नॉन पिटहेड वाले 147 विद्युत संयंत्र ऐसे हैं जहां निर्धारित स्टॉक का 24 फीसदी ही कोयला है।
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पिटहेड वाले 18 संयंत्रों के पास ही निर्धारित स्टॉक का 78 प्रतिशत कोयला है। सीईए की रिपोर्ट अनुसार 100 विद्युत संयंत्र ऐसे हैं जो कोल स्टॉक के मामले में क्रिटिकल श्रेणी में हैं।
यहां बताना होगा कि सरकार ने ताप विद्युत संयंत्र की मांगों को पूरा करने के उद्देश्य से देश के विभिन्न भागों में चलने वाली कई यात्री रेलगाड़ियां रद्द कर दी हैं। रेलवे के अनुसार ये रेल सेवा उन मार्गों पर रद्द की गई है, जहां कम यात्री जाते हैं।
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