नई दिल्ली, 14 जनवरी। कोयला मंत्रालय ने 141 कोयला खदानों के लिए 03 नवंबर, 2022 को वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी के 5वें दौर का छठा दौर और दूसरा प्रयास शुरू किया था। उद्योग की मांग को ध्यान में रखते हुए और व्यवसाय करने की सुगमता (Ease of Doing Business) को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय ने निर्णय लिया है कि निष्पादन बैंक गारंटी (Performance Bank Guarantee) में पहला संशोधन संबंधित कोयला खदानों के लिए खदान खोलने की अनुमति मिलने पर किया जाएगा।
इसे भी पढ़ें : कोल इंडिया : 19% MGB पर सहमित का मामला क्या DPE में लटकेगा?
निविदा दस्तावेज़ के प्रावधानों के अनुसार, प्रत्येक सफलतापूर्वक नीलाम की गई कोयला खदान के लिए प्रस्तुत की जाने वाली निष्पादन बैंक गारंटी को वर्ष के प्रारंभ में अप्रैल महीने के लिए राष्ट्रीय कोयला सूचकांक (एनसीआई) के आधार पर वार्षिक रूप से संशोधित किया जाना है। चूंकि, 2020 में पहली वाणिज्यिक कोयला खदान की नीलामी शुरू होने के बाद से एनसीआई दोगुना हो गया है, पीबीजी संशोधन प्रावधानों में छूट के लिए उद्योग से कई अभ्यावेदन प्राप्त हुए थे। यह आग्रह किया गया था कि एनसीआई में अभूतपूर्व वृद्धि से सफल बोलीदाताओं पर महत्वपूर्ण वित्तीय बोझ पड़ा है, जिनकी खदानें पूर्व-परिचालन चरण में हैं, जिससे खान परिचालन गतिविधियों के लिए धन की उपलब्धता प्रभावित हुई है।
इसे भी पढ़ें : NCL की बड़ी उपलब्धि : खदान के ओवरबर्डन से रेत के निर्माण का संयंत्र किया तैयार
इस निवेशक हितैषी पहल से कोयला खदानों के परिचालन की प्रक्रिया के दौरान बोलीदाताओं पर वित्तीय बोझ कम होने की अपेक्षा है और वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी में बोली लगाने वालों की सहभागिता बढ़ने की उम्मीद है। इसके बदले में और नीलामी के जारी दौर में इस संशोधन को लागू करने के लिए मंत्रालय ने नीलामी बोली की नियत तिथि 13 जनवरी, 2023 की अपनी पिछली बोली की नियत तिथि से बढ़ाकर 30 जनवरी, 2023 कर दी है।