नई दिल्ली, 03 जुलाई। कोयला मंत्रालय ने 2024 तक एक बिलियन टन (BT) कोयला उत्पादन का लक्ष्य तय किया है। इसके अलावा वित्तीय वर्ष 2030 तक के लिए भी कार्य योजना तैयार की गई है।
इस योजना के अनुसार कोल इंडिया (CIL) की खदानों से 1218 मिलियन टन (MT) कोयला उत्पादन की उम्मीद है। जबकि नॉन सीआईएल और कोल ब्लॉक से 955 मिलियन टन कोल प्रोडक्शन होने का अनुमान है। इस तरह 2030 तक 2172 मिलियन टन कोयला उत्पादन की आस में कोयला मंत्रालय है।
कोयला मंत्रालय ने 2030 तक उत्पादन को लेकर राज्यवार आंकड़े (मिलियन टन में) जारी किए हैं :
छत्तीसगढ़
कोल इंडिया मांइस- 234.42
नॉन सीआईएल – 108.10
कोल ब्लॉक – 74.1
झारखंड
कोल इंडिया मांइस- 344.0
नॉन सीआईएल – 119.2
कोल ब्लॉक – 28.1
ओडिशा
कोल इंडिया मांइस- 340.9
नॉन सीआईएल – 120.7
कोल ब्लॉक – 318.0
मध्यप्रदेश
कोल इंडिया मांइस- 171.9
नॉन सीआईएल – 47.0
कोल ब्लॉक – 39.1
महाराष्ट्र
कोल इंडिया मांइस- 72.1
नॉन सीआईएल – 5.6
कोल ब्लॉक – 12.3
पश्चिम बंगाल
कोल इंडिया मांइस- 54.1
नॉन सीआईएल – 11.0
कोल ब्लॉक – 0
तेलंगाना
कोल इंडिया मांइस- 0
नॉन सीआईएल – 70.2
कोल ब्लॉक – 1.5
2030 तक इतनी मांग बढ़ेगी
कोयला मंत्रालय की आंकलन रिपोर्ट के अनुसार देश में 2030 तक कोयले की कुल मांग 1300 से 1900 मिलियन टन तक पहुंच सकती है। थर्मल पॉवर प्लांट्स में 1150 से 1750 मिलियन टन तक ईंधन की डिमांड होने का अनुमान है।
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