कोयला मंत्रालय ने बताया कि कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कोयला उत्पादन और भेजे जाने वाले कोयले की मात्रा के नवीनतम आंकड़ों में पिछले वर्ष की तुलना में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।
30 नवंबर, 2024 तक के आंकड़ों के अनुसार, 1 अप्रैल से 30 नवंबर, 2024 के बीच कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से कुल कोयला उत्पादन 112.65 मीट्रिक टन तक पहुंच गया, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में 83.60 मीट्रिक टन था। इस प्रकार इसमें 34.7 प्रतिशत की अच्छी वृद्धि हुई है।
केवल नवंबर 2024 में, इन खदानों से कुल 16.743 मीट्रिक टन कोयला उत्पादन हुआ था, जिसमें दैनिक औसत उत्पादन 0.558 मीट्रिक टन रहा। इसमें नवंबर 2023 में 0.396 मीट्रिक टन के दैनिक औसत उत्पादन की तुलना में 40.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से भेजे जाने वाले कोयले की मात्रा में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। 30 नवंबर, 2024 तक, 1 अप्रैल से 30 नवंबर, 2024 के बीच कैप्टिव और वाणिज्यिक खदानों से भेजे जाने वाले कोयले की कुल मात्रा 119.62 मीट्रिक टन तक पहुंच गयी, जो पिछले साल की इसी अवधि के 89.32 मीट्रिक टन से 33.9 प्रतिशत अधिक है।
केवल नवंबर 2024 में, इन खदानों से भेजे गए कोयले की कुल मात्रा 16.109 मीट्रिक टन थी। इसमें दैनिक आधार पर भेजे जाने वाले कोयले की औसत मात्रा 0.537 मीट्रिक टन थी, जो नवंबर 2023 में दैनिक औसत 0.421 मीट्रिक टन की तुलना में 27.6 प्रतिशत की वृद्धि है।
कोयला उत्पादन और इसे भेजे जाने में यह उल्लेखनीय वृद्धि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 के दृष्टिकोण को दर्शाती है। भारत सरकार पारदर्शी और नवाचार पर आधारित शासन के माध्यम से घरेलू ऊर्जा क्षमताओं को प्राथमिकता देकर और आयात पर निर्भरता को कम करके देश की आर्थिक आत्मनिर्भरता, बुनियादी ढांचे के विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा की भावना को रणनीतिक रूप से आगे बढ़ा रही है।