नई दिल्ली, 29 जुलाई। शुक्रवार को दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता और कोयला मंत्रालय (MoC) में पूर्व संयुक्त सचिव केएस क्रोफा को कोयला घोटाला मामले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार के आरोप में दोषी ठहराया है। मामला महाराष्ट्र के लोहारा ईस्ट कोल ब्लॉक के आबंटन में अनियमितता से जुड़ा है।
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जानकारी के मुताबिक विशेष न्यायाधीश अरुण भारद्वाज ने ग्रेस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (GIL) और उसके निदेशक मुकेश गुप्ता को आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी के लिए भी दोषी ठहराया है। कोर्ट ने चारों दोषियों को सजा नहीं सुनाई है। मामले की अगली सुनवाई चार अगस्त को होगी।
सीबीआई के अनुसार, 2005 और 2011 के बीच, आरोपी व्यक्तियों ने एक आपराधिक साजिश रची और कोयला मंत्रालय को धोखा दिया। बेईमानी और धोखाधड़ी से MoC को गलत सूचना के आधार पर जीआईएल के पक्ष में ’लोहारा ईस्ट कोल ब्लॉक’ आबंटित करने के लिए प्रेरित किया।
सीबीआई ने यह भी कहा कि कंपनी ने अपने आवेदन में 120 करोड़ रुपये के शुद्ध मूल्य का दावा किया, जबकि इसकी नेटवर्थ केवल 3.3 करोड़ रुपये थी और कंपनी ने 30,000 टीपीए के मुकाबले 1,20,000 टीपीए के रूप में अपनी मौजूदा क्षमता को भी गलत बताया।
यहां बताना होगा कि 25 अगस्त, 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने कोयला ब्लॉकों के पूरे आबंटन को रद्द कर दिया था।
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मामले की सुनवाई वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस चीमा, सीबीआई के उप कानूनी सलाहकार संजय कुमार और वरिष्ठ लोक अभियोजक एपी सिंह ने की।
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