भारत सरकार के कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) में सचिव अमृत लाल मीणा (Amrilal Mina) ने ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया में चल रहे वर्ल्ड माइनिंग कांग्रेस (World Mining Congress) 2023 में भारतीय पवेलियन का उद्घाटन किया, जिसमें एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल), कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) और एनएमडीसी शामिल हैं। डब्ल्यूएमसी में भारतीय पवेलियन खनन एवं ऊर्जा क्षेत्र में देश के तकनीकी कौशल एवं सतत विकास प्रथाओं के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करता है।
एनएलसी इंडिया लिमिटेड (एनएलसीआईएल) समेत इसमें शामिल सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय उद्यमों ने कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा एवं अन्य अधिकारियों का प्रदर्शनी मंडप में स्वागत किया। ब्रिस्बेन, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम ने खनन एवं उर्जा उत्पादन क्षेत्र में ज्ञान और प्रगति को साझा करने के लिए पूरी दुनिया के उद्योग जगत के दिग्गजों, विशेषज्ञों और संगठनों को एक साथ आने के लिए मंच प्रदान किया है।
कोयला सचिव और अन्य अधिकारियों की यात्रा एनएलसीआईएल के लिए बहुत महत्वपूर्ण क्षण है, क्योंकि उन्होंने कोयला खनन के भविष्य, विद्युत उत्पादन और ऊर्जा क्षेत्र पर इसके प्रभाव के बारे में बहुत गहराई से विचार-विमर्श किया। भारतीय स्टॉल नवीन प्रौद्योगिकियों, चिरस्थायी खनन, विद्युत उत्पादन प्रथाओं एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करता है।
प्रसन्ना कुमार मोटूपल्ली, एनएलसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कोयला सचिव का पवेलियन पहुंचने पर गर्मजोशी से स्वागत किया। सीएमडी ने जिम्मेदार खनन तकनीकों एवं अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों को अपनाते हुए ऊर्जा उद्योग के विकास के लिए एनएलसीआईएल की प्रतिबद्धता एवं समर्पण पर भी प्रकाश डाला।
इस प्रदर्शनी में एनएलसीआईएल के पूर्व सीएमडी डॉ. एम पी नारायणन भी मौजूद थे और उन्होंने इस क्षेत्र के बारे में अपनी बहुमूल्य अंतर्दृष्टि को साझा किया।
ऑस्ट्रेलिया में 26 से 29 जून तक वर्ल्ड माइनिंग कांग्रेस 2023 का आयोजन हो रहा है, जो वैश्विक उद्योग के दिग्गजों, विशेषज्ञों और संगठनों को अपने विचारों का आदान-प्रदान करने, नवाचारों को बढ़ावा देने और खनन के भविष्य की कल्पना करने के लिए एक वास्तविक मंच प्रदान करता है। भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों की भागीदारी, कोयला सचिव तथा कोयला मंत्रालय के अन्य अधिकारियों की उपस्थिति, प्रौद्योगिकीय प्रगति एवं जिम्मेदार खनन पद्धतियों को अपनाने में अग्रणी रहने में भारत की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।