नई दिल्ली, 17 नवम्बर। नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- XI के लिए गठित जेबीसीसीआई की द्वितीय बैठक भी शून्य बटे सन्नाटा रही है। इस बैठक से यह बात निकल कर आई है कि सीआईएल प्रबंधन का कुछ गेम प्लान है और इस गेम प्लान में यूनियन के कुछ लोग भी शामिल हैं।
एचएमएस के तेज तर्रार श्रमिक नेता और जेबीसीसीआई सदस्य शिवकुमार यादव ने industrialpunch.com से लंबी चर्चा की। श्री यादव के अनुसार कोल अफसर कुछेक सीनियर लीडर्स को कमेटियों में शामिल करने की जुगत में थे। ताकि प्रबंधन इनके जरिए मनफाफिक मिनिमम गारंटी बेनिफिट (MGB) और 10 साल के वेतन समझौते पर मुहर लगवा सके और बाद में इन्हीं सीनियर लीडर्स के माध्यम से अन्य सदस्यों से हस्ताक्षर ले लिए जाएं।
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शिवकुमार यादव के अनुसार यह बड़ा सवाल है कि 10 साल के वेज बोर्ड का मुद्दा आया कहां से? क्या इसको लेकर सीआईएल मैनेजमेंट ने पहले से यूनियन के कुछ लोगों को विश्वास में लेकर कोई तैयारी कर रखी थी? श्री यादव ने सवाल खड़ा किया कि प्रबंधन के खेल में फिट नहीं बैठने वाले नेताओं का बाहर रखने की कोई योजना तो नहीं थी?
यहां बताना होगा कि 15 नवम्बर को जेबीसीसीआई बैठक के पहले दोपहर एक बजे चारों यूनियन की संयुक्त बैठक हुई थी। इस बैठक से एचएमएस के दो नेताओं शिवकुमार यादव व सिद्धार्थ गौतम को दूर रखा गया था। श्री यादव के अनुसार उन्हें और सिद्धार्थ गौतम को इस बैठक की जानकारी नहीं दी गई। बैठक शुरू होने के करीब एक घण्टे तक भी हम दोनों जब वहां नहीं दिखे तो हमें बुलाना जरूरी नहीं समझा गया। करीब एक घण्टे बाद हम दोनों बगैर बुलाए बैठक में पहुंचे। यूनियन की संयुक्त बैठक के पूर्व हुई एचएमएस की बैठक में भी शिवकुमार यादव व सिद्धार्थ गौतम को शामिल नहीं किया गया था।
जेबीसीसीआई सदस्य शिवकुमार ने कहा कि सीआईएल प्रबंधन की मंशा ठीक नहीं है। प्रबंधन ने बैठक में केवल दो विषय 10 साल का वेज और कमेटी बनाने पर ही बात की। सीआईएल चेयरमैन ने साफ कह दिया है कि वे 5 प्रतिशत एमजीबी भी नहीं दे सकते। श्री यादव के अनुसार सीआईएल प्रबंधन तो जो 12 फीसदी एमजीबी मिल रहा है उसको भी कम करने की फिराक में है। सीआईएल चेयरमैन ने कहा है कि केवल तीन अनुषांगिक कंपनियां ही फायदे में है। शेष कंपनियां घाटे में चल रही हैं। एचएमएस नेता श्री यादव ने कहा कि ओवरऑल सीआईएल लाभ में है। जब लेने की बारी आती है तो सीआईएल प्रबंधन पूरा श्रेय लेता है, लेकिन जब देने की बारी आती है तो अलग- अलग कंपनियों का हिसाब किताब बताया जाता है।
शिवकुमार यादव ने बताया कि उन्होंने 9.4.0, एक जनवरी 2017 से 20 लाख ग्रेच्युटी, 10वें वेतन समझौता के जो बिंदु लागू नहीं हुए हैं, इन मुद्दां पर बैठक में चर्चा करने कहा था। इस पर बीएमएस के नेता सुधीर घुरडे को आपत्ति थी। श्री घुरडे ने कहा ये आईआर की मीटिंग नहीं है। श्री यादव ने बताया कि बैठक में बीएमएस के लक्ष्मा रेड्डी ने अल्टरनेट मेंबर्स को होटल में सिंगल रूम देने की बात उठाई थी, तो क्या रूम का मुद्दा जेबीसीसीआई जैसी महत्वपूर्ण बैठक में उठाने के लिए था?
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इसी तरह बैठक में कोल सेक्टर के नम्बर एक यूनियन एचएमएस को चौथे नम्बर पर बिठाया गया था। तीसरे नम्बर का यूनियन बीएमएस एक नम्बर पर बैठा था। श्री यादव ने कहा कि क्या सीआईएल प्रबंधन को प्रोटोकाल का ध्यान नहीं रखना चाहिए?
शिवकुमार यादव ने कहा कि एचएमएस में किसी प्रकार की कोई फूट नहीं है। सिद्धू जी ने स्पष्ट कह दिया है कि पूरी एचएमएस को एकजुट रहना है और मजूदरों के हितों की दमदारी से लड़ाई लड़नी है।
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