कुल 7.5 मिलियन टन (MT) की संचयी पीआरसी वाली दो नई कोयला खदानों ने जनवरी 2024 में उत्पादन शुरू कर दिया है, जिससे कोयला उत्पादन करने वाली खदानों की संख्या 51 से बढ़कर 53 हो गई है। 31 मार्च, 2023 तक उत्पादन करने वाली कैप्टिव/वाणिज्यिक खदानों की कुल संख्या 47 थी तथा वर्ष के दौरान छह और कोयला खदानों ने उत्पादन शुरू कर दिया है। इन 53 खदानों में से, 33 खदानें कैप्टिव बिजली उपभोग के लिए हैं, 12 खदानें गैर-विनियमित क्षेत्र के कैप्टिव उपभोग के लिए हैं और आठ खदानें कोयले की वाणिज्यिक बिक्री के लिए हैं।
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जनवरी 2024 में कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल कोयला उत्पादन लगभग 14.30 एमटी है, जो पिछले वर्ष के इसी महीने में साल-दर-साल आधार पर 11.06 एमटी से 29 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है और कोयले का कुल प्रेषण 12.86 एमटी रहा, जो जनवरी, 2023 के 10.12 एमटी के प्रेषण से 27 प्रतिशत अधिक है।
कैप्टिव और वाणिज्यिक कोयला ब्लॉकों से कोयला उत्पादन एवं प्रेषण चालू वित्त वर्ष के दस महीनों के दौरान 1 अप्रैल से 31 जनवरी, 2024 तक उल्लेखनीय रूप से बढ़कर क्रमशः लगभग 112 एमटी और 116 एमटी हो गया है, जो साल-दर-साल आधार पर वित्त वर्ष 2022-23 की समान अवधि से क्रमशः लगभग 26 प्रतिशत और 31 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। वित्त वर्ष 2022-23 में कैप्टिव/वाणिज्यिक कोयला खदानों से कुल उत्पादन 116.55 एमटी था। फरवरी 2024 के पहले दो हफ्तों में कोयला उत्पादन पार हो जाएगा और यह अब तक का अपनी तरह का सबसे अधिक उत्पादन बनने की राह पर है।
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कोयला मंत्रालय उत्पादन एवं प्रेषण को और बढ़ाने तथा आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने और देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए समय सीमा के भीतर कोयला ब्लॉकों में उत्पादन शुरू करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठा रहा है।