Commercial coal mining : नई दिल्ली, 03 मार्च। केंद्रीय कोयला एवं खान राज्य मंत्री सतीश चंद्र दुबे ने गुजरात के गांधीनगर में आयोजित कोयला क्षेत्र एवं वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी रोड- शो में अपने संबोधन में कहा कि कोयला भारत की ऊर्जा सुरक्षा का आधार है और आने वाले दशकों तक इसकी प्रासंगिकता बनी रहेगी।

उन्होंने कहा कि भारत सरकार कोयला क्षेत्र को अधिक प्रतिस्पर्धी, पारदर्शी और निवेशकों के अनुकूल बनाने के लिए कई सुधारात्मक कदम उठा रही है। पहले जहां कोयला केवल कैप्टिव उपयोग तक सीमित था, अब इसे मुक्त रूप से बेचा जा सकता है, जिससे वाणिज्यिक खनन को एक नए आयाम की ओर ले जाया गया है।

मंत्री ने बताया कि नीलामी प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी एवं कुशल बनाई गई है, जिससे निवेशकों को न्यूनतम बाधाओं के साथ व्यापार करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सरकार निवेशकों को हरसंभव समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें नीति सुधार, लॉजिस्टिक्स समर्थन और पर्यावरण-अनुकूल खनन प्रक्रियाओं को प्राथमिकता दी गई है।

उन्होंने कोयला क्षेत्र में तकनीकी नवाचार, कोयला गैसीकरण, तथा पर्यावरण-संवेदनशील खनन तकनीकों के बढ़ते उपयोग पर प्रकाश डाला। इससे कोयला क्षेत्र दीर्घकालिक रूप से स्थायी और पर्यावरण के अनुकूल बनेगा, जिससे न केवल भारत की ऊर्जा आपूर्ति मजबूत होगी बल्कि वैश्विक जलवायु लक्ष्यों की दिशा में भी योगदान मिलेगा।

श्री दुबे ने कोयला खनन क्षेत्र में नए निवेशकों, व्यापारिक संस्थानों और तकनीकी विशेषज्ञों को इस विकास यात्रा का हिस्सा बनने का आह्वान किया। उन्होंने आश्वासन दिया कि भारत सरकार कोयला क्षेत्र को आत्मनिर्भर, नवोन्मेषी और सतत विकास उन्मुख बनाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

 

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