कोयला मंत्रालय (Coal Ministry) ने आज सातवें दौर की नीलामी में वाणिज्यिक खनन (Commercial Mining) के तहत कोयला खदानों के छह सफल बोलीकर्ताओं के साथ समझौतों को अंतिम रूप दिया। यह महत्वपूर्ण कदम 2020 में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा देश में वाणिज्यिक कोयला खनन की शुरुआत के बाद से 91 कोयला खदानों की सफल नीलामी का परिचायक है। इन छह कोयला खदानों में से, चार खदानों में आंशिक और अन्य दो में पूर्ण अन्वेषण हुआ है।
जिन खदानों के लिए ये समझौते किये गये हैं, वे हैं मीनाक्षी वेस्ट, नॉर्थ धादु (पूर्वी भाग), नॉर्थ धादु (पश्चिमी भाग), पथोरा ईस्ट, पथोरा वेस्ट और शेरबंद। सफल बोलीकर्ताओं में हिंडाल्को इंडस्ट्रीज लिमिटेड, एनटीपीसी माइनिंग लिमिटेड, एनएलसी इंडिया लिमिटेड, श्री बजरंग पावर एंड इस्पात लिमिटेड और नीलकंठ माइनिंग लिमिटेड जैसी बड़ी संस्थाएं शामिल हैं।
इसके अलावा, इन छह कोयला खदानों से कुल वार्षिक राजस्व सृजन लगभग 787.59 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जिसका उत्पादन ~7.00 मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमटीपीए) के समग्र सर्वोच्च क्षमता (पीआरसी) वाले स्तर के आधार पर होगा। एक बार जब ये खदानें पूरी तरह से चालू हो जाएंगी, तो वे प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से 9,464 लोगों के लिए रोजगार पैदा करने के लिए तैयार हो जाएंगी। इन कोयला खदानों के संचालन के लिए 1,050 करोड़ रुपये का पर्याप्त निवेश निर्धारित किया गया है। इन छह कोयला खदानों में सफल बोलीकर्ताओं के लिए राजस्व-साझाकरण प्रतिशत छह प्रतिशत से 43.75 प्रतिशत तक है, औसत राजस्व हिस्सेदारी 23.71 प्रतिशत है।
कोयला मंत्रालय की सटीक और पारदर्शी नीलामी प्रक्रिया कोयला खनन क्षेत्र में उत्पादक और प्रगतिशील विकास को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
वाणिज्यिक कोयला खदान नीलामी के लिए कोयला मंत्रालय के एक विशेष कारोबारी सलाहकार, एसबीआई कैपिटल मार्केट्स लिमिटेड ने कार्यप्रणाली तैयार करने और नीलामी प्रक्रिया के सफल निष्पादन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।