कोयला मंत्रालय ने उद्योग भागीदार के रूप में फिक्की के साथ संयुक्त रूप से आज वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी के दूसरे चरण पर हितधारकों के पहले परामर्श का आयोजन किया। आज आयोजित दो हितधारकों के परामर्श के दौरान पहली बार कोयला एवं खनन व्यवसाय, उपकरण निर्माताओं, माइन डेवलपर्स और ऑपरेटरों (एमडीओ) तथा वित्तीय संस्थानों के मुख्य प्रतिभागियों ने वर्चुअल माध्यम से इसमें हिस्सा लिया।
कोयला मंत्रालय में अपर सचिव और नामित प्राधिकारी एम नागराजू ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए कहा कि, हम वाणिज्यिक खनन के लिए कोयला खदानों की नीलामी के दूसरे चरण में लगभग 36 अरब के कुल संसाधनों के साथ 67 खदानों और लगभग 15 करोड़ टन (एमटी) के निर्यात खदानों पीआरसी की पेशकश कर रहे हैं। यह देश में कोयला खदानों का इस तरह से अब तक का सबसे बड़ा प्रस्ताव है। उन्होंने कहा कि, ये प्रस्ताव जो लगभग सभी कोयला-उत्पादन वाले राज्यों में हैं, इस उद्योग को उनकी आवश्यकताओं के आधार पर प्रासंगिक तथा उपयोगी खदानों को चुनने के लिए बड़ा अवसर और मौका प्रदान करते हैं।
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कोयला उद्योग को सभी प्रकार की सहायता उपलब्ध कराने का आश्वासन देते हुए श्री नागराजू ने कहा कि, नीलामी के इस मौजूदा चरण से, कोयला मंत्रालय एक सहज नीलामी तंत्र की ओर बढ़ रहा है, जिसमें कोई भी गैर-नीलामी खदान पोर्टल पर नीलामी के लिए उपलब्ध रहेगी, और जब भी अन्य की उपलब्धता होगी तो और खदानें भी इसमें जोड़ी जाएंगी।
सीएमपीडीआईएल और डब्ल्यूसीएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक मनोज कुमार ने बताया कि, इस चरण में 67 कोयला ब्लॉक हैं, जिनमें से 23 सीएमएसपी हैं और 44 एमएमडीआर ब्लॉक हैं; 37 पूरी तरह से खोजे गए हैं, जबकि शेष 30 आंशिक रूप से या क्षेत्रीय रूप से खोजे गए हैं।
फिक्की के महासचिव दिलीप चेनॉय ने कहा कि, वाणिज्यिक कोयला खदानों की नीलामी का दूसरी भाग उद्योगों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में कोयले की उपलब्धता बढ़ाने तथा कोयले के आयात पर बोझ को कम करने की प्रतिबद्धता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि, पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ खनन सुनिश्चित करने की पहल के तहत कोयला गैसीकरण तथा सीबीएम परियोजनाओं सहित अन्य अत्याधुनिक तकनीकों को अपनाने से इस प्रयास के दौरान सतत विकास सुनिश्चित करने में भी मदद मिलेगी।
कोयला मंत्रालय द्वारा फिक्की के साथ संयुक्त रूप से आयोजित एक उच्च-स्तरीय लॉन्च इवेंट के माध्यम से पिछले साल 18 जून, 2020 को वाणिज्यिक कोयला खनन नीलामी प्रक्रिया शुरू होने के बाद, दूसरी भाग की नीलामी से वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को उपयोग में लाने की उम्मीद है, जिससे एक जीवंत कोयला बाजार विकसित होगा और देश में आर्थिक विकास तथा रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।
दूसरी चरण की नीलामी प्रक्रिया औपचारिक रूप से केंद्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी और नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत द्वारा 25 मार्च, 2021 को कोयला मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों तथा प्रमुख गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति में शुरू की गई थी।
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26 अप्रैल, 2021 को आयोजित हुई बोली-पूर्व बैठक के बाद, कोयला मंत्रालय संभावित बोलीदाताओं तक व्यापक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए फिक्की के तत्वावधान में दो हितधारकों के परामर्श की एक श्रृंखला आयोजित कर रहा है।
नीलामी पारदर्शिता के साथ 2 चरणों वाली प्रक्रिया के माध्यम से ऑनलाइन आयोजित की जाएगी। इस नीलामी प्रक्रिया की मुख्य विशेषताएं हैं – बाजार से जुड़े तंत्र जिसमें बोली प्रतिशत राजस्व हिस्सेदारी पर आधारित होगी, राष्ट्रीय कोयला सूचकांक से जुड़े भुगतान होंगे, पूर्व कोयला खनन अनुभव के लिए बिना किसी प्रतिबंध के भागीदारी में आसानी होना, अनुकूलित भुगतान संरचनाएं, शीघ्र उत्पादन तथा स्वच्छ प्रौद्योगिकी के उपयोग के वास्ते प्रोत्साहन के माध्यम से दक्षता संवर्धन और लचीली संचालन शर्तें आदि।
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