छत्तीसगढ़ के प्रादेशिक प्रवक्ता मोहम्मद मुकीद ने बताया सृजनधर्मियों की प्रतिष्ठित संस्था राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना द्वारा अंतरराष्ट्रीय वेब संगोष्ठी एवं श्रेष्ठ संचालन अलंकरण समारोह का आयोजन किया गया। संगोष्ठी सम्प्रेषण कौशल : प्रमुख आयाम और महत्ता पर केंद्रित थी।संगोष्ठी का सूत्र संयोजन श्रीमती मनीषा सिंह, मुंबई ने किया। कार्यक्रम में श्रेष्ठ संचालनकर्ताओं को सम्मानित किया गया।
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मुख्य अतिथि साहित्यकार व छत्तीसगढ़ी राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ विनय कुमार पाठक, बिलासपुर ने कहा कि सभा, संगोष्ठी आदि में संचालक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उसे हाशिए पर डालना उचित नहीं है। कोई बड़ा ज्ञानी हो, किंतु उसमें सम्प्रेषणीयता न हो तो गतिरोध उत्पन्न हो जाता
संगोष्ठी की प्रस्तावना महासचिव डॉक्टर प्रभु चौधरी ने प्रस्तुत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षक संचेतना ने एक सौ से अधिक कार्यक्रम कोविड-19 के काल में सफलतापूर्वक संपन्न किए हैं।
इस मौके पर कोविड 19 के दौर में आयोजित सौ से अधिक ऑनलाइन कार्यक्रमों में संचालन करने वाले श्रेष्ठ संचालनकर्ताओं को सम्मान पत्र अर्पित उन्हें सम्मानित किया गया। इनमें छत्तीसगढ़ की डॉ मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर तथा पूर्णिमा कौशिक रायपुर ने भी सम्मान प्राप्त कर प्रदेश का गौरव बढ़ाया।
संगोष्ठी में श्रीमती गरिमा गर्ग, पंचकूला, हरियाणा, डॉ मुक्ता कान्हा कौशिक, रायपुर, डॉ सुनीता गर्ग, पंचकूला, हरियाणा, डॉ पूर्णिमा कौशिक, रायपुर, लता जोशी, मुंबई, अनीता ठाकुर, अर्पणा जोशी, इंदौर, मनीषा सिंह, मुंबई, रीना सुरड़कर, श्रीमती सुनीता चौहान, मुंबई, डॉ रश्मि चौबे गाजियाबाद, भुवनेश्वरी जायसवाल कोरबा, हेमलता साहू आदि सहित अनेक शिक्षाविद, साहित्यकार, संस्कृतिकर्मी एवं गणमान्यजन उपस्थित थे।
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