विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की तरफ से दक्षिण-पूर्व एशिया और अफ्रीका में Covishield के नकली वेरिएंट का मुद्दा सामने आने के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने रविवार को नकली COVID-19 वैक्सीन की पहचान करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए। सरकार ने Covishield, Covaxin और Sputnik V के ओरिजनल वेरिएंट की पहचान करने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ दिशानिर्देशों की एक लिस्ट शेयर की है। वर्तमान में ये तीन वैक्सीन भारत में इस्तेमाल की जा रही हैं।
Covishield वैक्सीन ओरिजनल है या नहीं, इसकी जांच कैसे करें:
- ओरिजनल वैक्सीन पर ट्रेडमार्क के साथ ब्रांड नेम होता है।
- एल्युमिनियम फ्लिप-ऑफ सील का रंग गहरा हरा है, जबकि लेबल शेड भी गहरा हरा है।
- “CGS नॉट फॉर सेल” के साथ ओवरप्रिंटेड।
- वैक्सीन की शीशी पर स्पेशल सेफद इंक से लेटर्स लिखे गए हैं, ताकि वे ज्यादा साफ दिखें और पढ़े जा सकें।
- जेनरिक नेम का टेक्स्ट फॉन्ट अन-बोल्ड है।
- साथ ही पूरे लेबल के लिए एक स्पेशल हनीकॉम्ब टेक्सचर होता है, जो केवल एक विशेष एंगल पर दिखाई देता है।
Covaxin वैक्सीन ओरिजनल है या नहीं, कैसे पता करें:
- Covaxin के X में ग्रीन फॉइल इफेक्ट होता है।
- UV helix या Covaxin लेबल पर DNA जैसा स्ट्रक्चर- केवल UV रेज़ या धूप की रोशनी के तहत दिखाई देता है।
- लेबल में एक हिडेन माइक्रो टेक्सट
- “Covaxin” टेक्स्ट पर होलोग्राफिक इफेक्ट दिया गया है।
Sputnik V वैक्सीन ओरिजनल है या नहीं, इसकी जांच करने का तरीका
- इंग्लिश लेबल केवल 5 ampoule पैक के कार्टन के आगे और पीछे होता है, जबकि दूसरी सभी साइड पर और ampoule का प्राइमरी लेबल रूसी भाषा में है।
- इंपोर्टेड प्रोडक्ट रूस से दो अलग-अलग बल्क मैन्युफैक्चरिंग साइट से आते हैं। इसलिए इन दोनों ही साइटों के लिए दो अलग-अलग लेबल हैं। इसमें इंफॉर्मेशन और डिजाइन एक जैसे हैं, लेकिन मैन्युफैक्चर का नाम अलग है।
ये पूछे जाने पर कि क्या भारत में डुप्लीकेट Covishield वैक्सीन बेची जा रही हैं? स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा, “दावा किया गया है कि देश में कोविशील्ड वैक्सीन के डुप्लीकेट वर्जन बेचे गए। भारत सरकार इस दावे की जांच कर रही है और अगर उसे आरोपों में कोई सार मिलता है, तो वह कार्रवाई करेगी।”