नई दिल्ली, 01 मार्च। एनटीपीसी (NTPC) ने रिड्यूस, रीयूज और रीसायकल के माध्यम से जल संरक्षण के लिए अपनी प्रतिबद्धता का प्रदर्शन करते हुए, भारत का पहला वातानुकूलित कंडेनसर वाला सुपर क्रिटिकल प्लांट चालू किया है।
देश की सबसे बड़ी एकीकृत विद्युत उत्पादक कंपनी, एनटीपीसी ने 01 मार्च, 2023 को झारखंड के उत्तरी कर्णपुरा (3*660 मेगावाट) में 660 मेगावाट की पहली इकाई का वाणिज्यिक परिचालन शुरू किया है।
इस परियोजना की परिकल्पना एयर कूल्ड कंडेनसर (एसीसी) के साथ की गई है, जिसमें पारंपरिक वाटर कूल्ड कंडेनसर (डब्ल्यूसीसी) की तुलना में लगभग 1/3 वाटर फुटप्रिंट है। इसके माध्यम से एक वर्ष में लगभग 30.5 एमसीएम पानी की बचत होगी और इस प्रकार से इस क्षेत्र में वार्षिक रूप से लगभग 15 लाख लोगों की आवश्यकताओं की पूर्ति होगी।
एनटीपीसी द्वारा पहले ही अपने संयंत्रों में जल का ठोस प्रबंधन करने के लिए में अनेक उपाय किए गए हैं। एनटीपीसी, विद्युत उत्पादन की अपनी मुख्य व्यावसायिक गतिविधि के साथ-साथ जल संरक्षण और प्रबंधन करने के लिए 3 आर (रिड्यूस, रियूज, रीसायकल) को बढ़ावा देगा। एनटीपीसी लिमिटेड प्रतिष्ठित यूएन ग्लोबल कॉम्पैक्ट्स सीईओ वाटर मैंडेट का एक हस्ताक्षरकर्ता भी है।
एनटीपीसी जल नीति को लागू करते हुए जल संवहनीयता के मुद्दों को सक्रिय रूप से संबोधित करने के लिए प्रतिबद्ध है, जो जल प्रबंधन रणनीतियों, प्रणालियों, प्रक्रियाओं, प्रथाओं और अनुसंधान पहलों की स्थापना के लिए एक दिशासूचक के रूप में काम करेगा।
उत्तरी कर्णपुरा संयंत्र में 660 मेगावाट की 3 इकाइयां होंगी जिसकी कुल क्षमता 1,980 मेगावाट होगी। यह संयंत्र सबसे कुशल सुपरक्रिटिकल प्रौद्योगिकी पर आधारित है और एक पिट हेड संयंत्र (कोयला खदान से 10 किमी) होने के कारण झारखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल और ओडिशा राज्यों को सस्ते दामों पर विद्युत की आपूर्ति करेगा।
एनटीपीसी प्रौद्योगिकियों का लाभ उठाने में हमेशा सबसे आगे रहा है और विद्युत क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों को अपनाने का बीड़ा उठाया है। एनटीपीसी वर्तमान में कोयला, गैस, हाइड्रो, सौर और पवन संयंत्रों के माध्यम से देश में विद्युत की 24 प्रतिशत मांग को पूरा करता है।