आंगनवाड़ी, आशा, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और मिड डे मील समेत अन्य स्कीम वर्कर्स ने 24 सितंबर को देशव्यापी एक दिवसीय हड़ताल का आह्वान किया है।
इस हड़ताल का आह्वान अखिल भारतीय संयुक्त समिति ने किया है। अब इस हड़ताल को देशभर के किसान संगठनों का भी साथ मिला है जबकि सेंट्रल ट्रेड यूनियनों ने पहले ही इनका समर्थन कर दिया था।
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संयुक्त किसान मोर्चा(एसकेएम) जो देशभर के किसान संगठनों का संयुक्त मंच है और इसी के नेतृत्व में किसान लगभग दस महीनों से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को, 24 सितंबर 2021 को होने वाली इस हड़ताल को सक्रिय समर्थन देने का ऐलान किया है।
ये श्रमिक, सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों और सेवाओं के निजीकरण को रोकने और चार श्रम संहिताओं को वापस लेने के अलावा न्यूनतम मजदूरी के प्रावधान के साथ श्रमिकों के रूप में अपनी सेवाओं को नियमित करने की मांग कर रहे हैं।
एसकेएम ने अपने बयान में कहा है कि वो यह मानता है कि देश के दूरदराज के हिस्सों में भी पोषण, स्वास्थ्य देखभाल, बच्चों की देखभाल और शिक्षा की बुनियादी सेवाएं देने वाले इन योजना कार्यकर्ताओं, जिसमें ज्यादातर महिलाएं हैं, का शोषण किया जा रहा है और उन्हें भरण-पोषण भत्ता भी नहीं मिलता है।
ये श्रमजीवी अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड महामारी से लड़ने में सबसे आगे रहे हैं। एसकेएम इन लाखों श्रमिकों को बधाई देता है और 24 सितंबर के लिए नियोजित उनकी ऐतिहासिक अखिल भारतीय हड़ताल के प्रति पूर्ण एकजुटता व्यक्त करता है।
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स्कीम वर्कर्स फेडरेशन के संयुक्त मंच द्वारा 14 सितंबर को हड़ताल का नोटिस दिया था। जिसमें देशभर के स्कीम वर्कर के शामिल होने का दावा किया गया था, यह नोटिस केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय के सचिव को दिया गया है।
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा हस्ताक्षरित, नोटिस में 17 मांगों को शामिल किया गया है।
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