कोरबा (IP News). 18 जून को भी राष्ट्रीय कोलयरी श्रमिक संघ की याचिका पर सुनवाई नहीं हो सकी। इसके पहले 11 जून की तरीख मिली थी। यहां बताना होगा कि जेबीसीसीआई सहित कोल इंडिया लिमिटेड की अन्य समितियों से इंटक को बाहर रखे जाने को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है।
कोर्ट द्वारा 18 जून, 2021 को सुनवाई की तारीख निश्चित की गई थी। कोविड-19 की वजह से सुनवाई आनलाइन हो रही है। इस कारण कम प्रकरणों पर ही सुनवाई हो पा रही है। कोर्ट ने अब सुनवाई की अगली तारीख 25 जून तय की है।
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इंटक से सम्बद्ध राष्ट्रीय कोलयरी श्रमिक संघ (आरसीएसएस), एनसीएल के महामंत्री बिरेन्द्र सिंह बिस्ट मामले को लेकर कोर्ट गए हैं। प्रकरण में कोल सचिव, सीआईएल के सीएमडी, जीएम (एमपी एंड आईआर), सीएमडी एनसीएल को पार्टी बनाया गया। श्री बिस्ट द्वारा अधिवक्ता अकाश चैधुरी, कबीर पाल, आदित्य नारायण शुक्ला के माध्यम से याचिका दायर की गई है। जेबीसीसीआई-11 के गठन के पूर्व ही अप्रेल में याचिका दायर की जा चुकी है।
इधर, इंटक के बगैर नेशलनल कोल वेज एग्रीमेंट-11 के लिए जेबीसीसीआई का गठन हुआ है। इंटक के तीन अलग- अलग गुटों ने प्रतिनिधित्व के लिए नाम भेजे थे। कोल इंडिया प्रबंधन ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सक्षम न्यायालय के फैसले अथवा निर्देश के बाद ही इंटक को जेबीसीसीआई में स्थान मिल सकेगा। जेबीसीसीआई में बीएमएस व एचएमएस के 4-4 एवं सीटू व एटक से 3-3 प्रतिनिधि सम्मिलित किए हैं। प्रबंधन जेबीसीसीआई की बैठक की तैयारी भी कर रहा है। इंटक से जुडे़ श्रमिक नेताओं ने आरोप लगाया है कि केन्द्र के इशारे पर राजनीति साजिश के तहत ऐसा किया गया है। नेशनल कोल वेज एग्रीमेंट- 10 भी इंटक के बगैर हुआ था।
बताया गया है कि इंटक का एक और संगठन राष्ट्रीय खान मजदूर फेडरेशन जेबीसीसीआई-11 में स्थान नहीं देने को लेकर कोर्ट जा रहा है। कोलकाता हाईकोर्ट में याचिका दायर की जा रही है।
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