नई दिल्ली, 23 मार्च। “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है…”, इस बयान को लेकर सूरत की कोर्ट ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी को दो साल की सजाई सुनाई। यह सजा उन्हें मानहानी के केस में दोषी करार देने के बाद सुनाई गई।
इस फैसले के 27 मिनट बाद ही कोर्ट ने राहुल गांधी को जमानत भी दे दी। उन पर 15 हजार का जुर्माना भी लगाया गया। सुनवाई के दौरान कोर्ट में राहुल गांधी मौजूद थे।
राहुन ने कोर्ट में कहा कि बयान देने के दौरान उनकी मंशा गलत नहीं थी। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। मानहानी का यह केस चार सालों से चल रहा था। राहुल गांधी को आईपीसी की धारा 400 और 500 के तहत दोषी करार दिया गया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने खिलाफ कथित मोदी सरनेम टिप्पणी में दायर आपराधिक मानहानि मामले में दोषी पाए जाने के बाद ट्वीट किया, “मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा ईश्वर है, अहिंसा इसे प्राप्त करने का साधन है- महात्मा गांधी।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, उन्हें ज़मानत मिल गई है।य (भाजपा) लोग पहले जज को बदलते गए, हमें अंदाज़ा लग रहा था लेकिन हम कानून में विश्वास रखने वाले लोग हैं। कानून के तहत ही हम लड़ेंगे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, आज न्यायपालिका पर दबाव है…राहुल गांधी की जो टिप्पणी है, ऐसी राजनीतिक टिप्पणी चलती रहती हैं। ऐसी टिप्पणियां अटल जी ने, आडवाणी जी ने पता नहीं कितनी की होंगी। लेकिन पहले इस तरह से मामला दर्ज़ नहीं होता था। हमें विश्वास है कि आने वाले समय में सही फैसला होगा।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि, मीडिया को भी दबाने की कोशिश है, न्यायपालिका को प्रभावित करने की कोशिश है और राजनीतिक दल के लोगों पर इसी स्तर पर जाकर वो कार्रवाई कर रहे हैं।
क्या राहुल गांधी की संसद सदस्यता जा सकती है?
जुलाई 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालतों में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा पाए जनप्रतिनिधियों (विधायकों-सांसदों) की सदस्यता रद्द कर दी जाएगी। इसी आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया था कि जो सांसद या विधायक सजा को ऊपरी अदालत में चैलेंज करेंगे, उन पर सदस्यता रद्द करने का आदेश लागू नहीं होगा।
राहुल गांधी को IPC की धारा 500 के तहत दोषी करार दिया गया है। उनके वकील ने कोर्ट में कहा- हम फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। हायर कोर्ट में अपील करने के लिए राहुल गांधी के पास 30 दिन का वक्त है। रिप्रेजेंटेशन ऑफ द पीपल एक्ट 1951 के सेक्शन 8 (3) के मुताबिक 2 साल की सजा होने के बाद टेक्निकली राहुल गांधी की सदस्यता जा सकती है। बशर्ते ये सजा सुप्रीम कोर्ट से भी बरकरार रहे।