तूफान बिपरजॉय गुरूवार को दोपहर बाद गुजरात के कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के पास तट से टकरा सकता है। इसे अति तीव्र चक्रवाती तूफान करार दिया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि तूफान के कारण गुजरात के तटीय जिलों में कल और अगले दिन भारी वर्षा हो सकती है। कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, पोरबंदर, राजकोट, मोरबी और जूनागढ़ जिलों में बहुत तेज वर्षा होने की संभावना है।
मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक आर.के. जेनामणि ने कहा है कि तूफान बिपरजॉय गुजरात के कच्छ और पाकिस्तान के कराची के बीच गुरूवार को तट से टकरा सकता है।कल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र और गुजरात सरकार के मंत्रियों और विभागों के साथ बैठक करके तूफान को लेकर पैदा स्थिति की समीक्षा की और स्थिति से निपटने के संबंध में विचार विमर्श किया। उन्होंने अधिकारियों को हरसंभव कदम उठाने का निर्देश दिया ताकि खतरे वाले क्षेत्रों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर पहुंचाया जा सके। उन्होंने अधिकारियों को बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य और पेयजल सहित समस्त आवश्यक सेवाएँ सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यदि इन सेवाओं में बाधा आती है तो इन्हें जल्द से जल्द बहाल किया जाए।
केंद्रीय गृह मंत्रालय भी निरंतर स्थिति की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकार तथा उससे संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल ने पहले ही नौकाओं, पेड काटने की मशीनों, दूर संचार उपकरणों और अन्य सामग्रियों से लैस अपने 12 दलों को तैनात कर रखा है। साथ ही 15 और दल आवश्यकता पड़ने पर उपयोग के लिए तैयार रखे गए हैं।
भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने राहत, तलाशी और बचाव अभियानों के लिए अपने जहाज और हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। वायु सेना और थल सेना की इंजीनियर टास्क फोर्स यूनिट भी नौकाओं और बचाव के उपकरणों के साथ तैयार है। वहीं, विमानों और हेलीकॉप्टरों से तटीय इलाकों में लगातार निगरानी की जा रही है। सेना, नौसेना और तटरक्षक बल के आपदा राहत दल और चिकित्सा दल भी आवश्यकता पड़ने पर मदद के लिए तैयार है। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने भी तैयारियों की समीक्षा की। गुजरात के मुख्य सचिव ने समिति को यह जानकारी दी कि तूफान के संभावित मार्ग में आने वाली आबादी को सुरक्षित रखने के लिए किस तरह के उपाय किए जा रहे हैं और स्थानीय प्रशासन की ओर से कौन से कदम उठाए गए हैं।