परिसीमन आयोग ने केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए परिसीमन आदेश को अंतिम रूप दे दिया है। क्षेत्र के 90 विधानसभा क्षेत्रों में से 43 जम्मू के लिए और 47 कश्मीर क्षेत्र के लिए होंगे।
एसोसिएट सदस्यों, राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों, नागरिकों, सिविल सोसाइटी समूहों के साथ विचार-विमर्श के बाद नौ विधानसभा क्षेत्रों को अनुसूचित जनजातियों के लिए आरक्षित किया गया है।
इनमें से छह जम्मू क्षेत्र में और तीन कश्मीर घाटी में हैं। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों का आखिरी बार परिसीमन 1995 में, 1981 की जनगणना के आधार पर किया गया था।
इस क्षेत्र में पांच संसदीय क्षेत्र हैं। परिसीमन आयोग ने जम्मू-कश्मीर क्षेत्र को एक एकल केंद्र शासित प्रदेश के रूप में रखा है। इसलिए, घाटी में अनंतनाग क्षेत्र और जम्मू क्षेत्र के राजौरी तथा पुंछ को मिलाकर एक संसदीय क्षेत्र बनाया गया है।
इस पुनर्गठन से प्रत्येक संसदीय निर्वाचन क्षेत्र में समान संख्या में 18 विधानसभा क्षेत्र होंगे। स्थानीय प्रतिनिधियों की मांग को ध्यान में रखते हुए कुछ विधानसभा क्षेत्रों के नाम भी बदले गए हैं।
सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना प्रकाश देसाई और मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा तथा जम्मू-कश्मीर के राज्य चुनाव आयुक्त के० के० शर्मा की अध्यक्षता में आयोग ने आज नई दिल्ली में बैठक की और परिसीमन आदेश को अंतिम रूप दिया। इसके लिए गजट नोटिफिकेशन भी आज प्रकाशित कर दिया गया है।
केन्द्र सरकार ने, केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के उद्देश्य से परिसीमन आयोग का गठन किया था।
पिछले महीने की 4 और 5 तारीख को जम्मू – श्रीनगर में सार्वजनिक बैठकों का आयोजन किया गया, जिससे लोगों, जनप्रतिनिधियों, राजनीतिक नेताओं और अन्य हितधारकों को अपने विचार व्यक्त करने का अवसर मिला।
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