झारखंड में कई मरीजों की कोविड जांच के नमूनों में कोरोना वायरस का डेल्टा प्लस वैरीयंट मिलने से राज्य में कोविड महामारी की तीसरी लहर की आशंका बढ़ गई है। कोविड जांच के दौरान एकत्र किए गए नमूनों को जिनोम सीक्वेंसिंग के लिए आईएसएल – भुबनेश्वर भेजा गया था।
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राज्य के स्वास्थ्य सचिव अरूण कुमार सिंह ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् से झारखंड को जिनोम सीक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध कराने को कहा है, ताकि कोरोना वायरस के बदले हुए स्वरूप की जल्द पहचान की जा सके। वर्तमान में इसकी रिपोर्ट मिलने में तीस दिन का समय लगता है।
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राजेन्द्र प्रसाद आयुर्विज्ञान संस्थान – रिम्स के माइक्रोबॉयोलोजी विभाग के प्रमुख डॉ मनोज कुमार ने आकाशवाणी समाचार को बताया कि आईएसएल भुबनेश्वर से रिपोर्ट मिलने के बाद ही कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरीयंट की संक्रमण दर का पता लगाया जा सकेगा। डॉ कुमार ने कहा कि वायरस का डेल्टा प्लस वैरीयंट अधिक खतरनाक साबित हो सकता है।
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