कोरबा (IP News). छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में अवस्थित एसईसीएल के दीपका, गेवरा, कोरबा एवं कुसमुण्डा खदानें जो कि अपने वृहदकाय मशीनों एवं उच्च उत्पादन रिकार्ड के लिए प्रसिद्ध हैं। अब खदानों की सुरक्षा सेवा को धार देते हुए पैरामिलिट्री एवं स्टेट रायफल्स टीम की तैनाती कर रहे हैं।
इन मेगा माइंस की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब मुख्यतया पैरा मिलिट्री फोर्स सीआईएसएफ व त्रिपुरा स्टेट रायफल्स (इण्डिया रिजर्व) की होगी। प्राप्त जानकारी अनुसार एसईसीएल ने त्रिपुरा स्टेट रायफल्स (इण्डिया रिजर्व) के एक बटालियन के एसईसीएल में तैनाती के लिए एमओयू पर दस्तखत किए हैं।
इस एक बटालियन में 1007 सुरक्षाकर्मी होंगे। इनमें से त्रिपुरा स्टेट रायफल्स के लगभग 300 जवान अकेले कुसमुण्डा में तैनात किए जा रहे हैं। बटालियन की एडवान्स टीम को खदान में डिप्लाय किया जा चुका है। इसके अतिरिक्त कोरबा क्षेत्र के मानिकपुर में 70 तथा सरायपाली में 30 त्रिपुरा स्टेट रायफल्स जवानों के तैनाती की योजना है।
विदित हो कि कम्पनी के दीपका एवं गेवरा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था हेतु पूर्ण रूप से सीआईएसएफ को जिम्मा दिया गया है। कम्पनी में त्रिपुरा स्टेट रायफल्स के बटालियन की पूर्ण उपलब्धता के उपरांत गारे-पेलमा 2 – 3 तथा अन्य क्षेत्र से सीआईएसएफ के जवान रिलीव होकर दीपका एवं गेवरा क्षेत्र में अपनी ड्यूटी देंगे।
कुसमुण्डा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चैबंद करने के उद्धेश्य से अतिरिक्त रूप से 32 विभागीय सुरक्षाकर्मी उपलब्ध कराए गए हैं। यहाँ होमगार्ड के 80 जवान पहले से ही ड्यूटी दे रहे हैं। कुसमुण्डा क्षेत्र में सभी बैरियर पर सीआईएसएफ की तैनाती की गयी है।
सीआईएसएफ द्वारा त्वरित कार्यवाही बल (क्यूआरटी) का गठन किया गया है जो कि 24 घंटे किसी भी अपराधिक कृत्य को रोकने के लिए निगरानी कर रहे हैं। मेगा माइंस में क्षेत्रीय प्रबंधन को राज्य पुलिस टीम से भी निरंतर सतत सहयोग मिल रहा है।
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