संसद ने आज डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक-2023 पारित कर दिया। राज्यसभा ने इस विधेयक को स्वीकृति दी। लोकसभा इसे पहले ही पारित हो चुकी है।

विधेयक के अनुसार, कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के व्यक्तिगत डेटा को उसकी सहमति के आधार पर और कुछ वैध उपयोगों के लिए कानूनी उद्देश्य के लिए उपयोग कर सकता है।

विधेयक में भारतीय डेटा संरक्षण बोर्ड की स्थापना का प्रावधान है। व्यक्तिगत डेटा उल्लंघन की सूचना मिलने पर बोर्ड मामले की जांच करेगा और जुर्माना लगाएगा।

राज्यसभा में विधेयक पेश करते हुए इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि हितधारकों के साथ काफी विस्तृत विचार-विमर्श के बाद विधेयक लाया गया है। उन्होंने कहा कि विधेयक में व्यक्तिगत डेटा के भंडारण की सीमा, डेटा की उचित सुरक्षा और डेटा के संबंध में उत्तरदायित्व के प्रावधान हैं।

श्री वैष्णव ने कहा कि डेटा संरक्षण बोर्ड स्वतंत्र होगा और इसमें क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि विधेयक की भाषा सरल रखी गई है ताकि आम आदमी प्रावधानों को समझ सके।

बीजू जनता दल के डॉक्टर अमर पटनायक, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के एस निरंजन रेड्डी और वी विजयसाई रेड्डी, तमिल मनीला कांग्रेस (एम) के जी.के. वासन और एआईएडीएमके के एम थंबीदुरई ने विधेयक पर चर्चा में भाग लिया।

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