नई दिल्ली, 12 अप्रेल। सेवानिवृत्त कोयला खदान मजदूर संघ ने ग्रेच्युटी भुगतान (Gratuity Payment) में विसंगति को लेकर कोल इंडिया (CIL) चेयरमैन को पत्र लिखा है। संघ के महामंत्री ब्रजेन्द्र कुमार राय ने पत्र में निम्न बिन्दुओं की ओर चेयरमैन का ध्यान आकृष्ट किया है :
- कोल इंडिया से दिनांक 1 जनवरी, 2017 से 29 मार्च, 2018 के मध्य लगभग उन्नीस हजार गैर अधिकारी कर्मचारी सेवानिवृत्ति हुए हैं, जिन्हें ग्रेच्युटी का भुगतान अधिकतम राशि 20 लाख की जगह रुपए 10 लाख मान कर किया गया है। जबकि इसी कालखंड में सेवानिवृत हुए अधिकारी कर्मचारी को ग्रेच्युटी का भुगतान अधिकतम सीमा 20 लाख रुपया मानकर हुआ है। जो संविधान की धारा 14 के विपरीत है।
- ग्रेच्युटी एक्ट 1972 में वर्णित परिभाषा में अधिकारी एवं गैर अधिकारी जैसा कोई शब्द नहीं है अर्थात अधिकारी एवं गैर अधिकारी सभी को कर्मचारी ही माना गया है। ऐसे में कर्मचारी के एक वर्ग अर्थात अधिकारी को सामाजिक सुरक्षा के तहत मिलने वाली ग्रेच्युटी का अधिक भुगतान करना और कर्मचारी के दूसरे वर्ग अर्थात गैरअधिकारी को उस लाभ से वंचित रखना न्याय की परिधि में नहीं आता है।
- डीपीई (डिपार्मेट आफ पब्लिक इंटरप्राइजेज) के दिशा निर्देश में भी स्पष्ट है कि यदि कोई पब्लिक सेक्टर अपने कर्मचारियों को ग्रेच्युटी के रूप में 20 लाख रुपए की बड़ी सीमा को पिछले तिथि में लागू करने के लिए उन्हें अर्थात सरकार को आपत्ति नहीं है। जिसके तहत कोल इंडिया के द्वारा कर्मचारी के एक रूप में सेवानिवृत हुए अधिकारी वर्ग के कर्मचारी को अधिकतम रूपए 20 लाख की सीमा मानकर भुगतान करना एवं गैर कर्मचारी वर्ग को 10 लाख की सीमा मानकर भुगतान करना किसी भी दृष्टि में न्याय नहीं है।
- जानकारी अनुसार सिं गरेनी कंपनी ने भी अपने सेवानिवृत्नि गैर अधिकारी कर्मचारी को 20 लाख की परिधि मानकर भुगतान सुनिश्चित कर दिया है।